ETV Bharat / state

चूरू के मूक-बधिर बच्चे बेच रहे डिजाइनर दीपक, दे रहे संदेश - मिट्टी के दीये जलाएं, पर्यावरण संरक्षण के लिए आप भी आगे आएं

चूरू में इन दिनों मधुर स्पेशल शिक्षण संस्थान के दिव्यांग बच्चे डिजाइनर दीपक बेच रहे हैं. वे ऐसा कारोबार या पैसों की जरूरत के लिए नहीं बल्कि लोगों को बड़ा संदेश देने के मकसद से ऐसा कर रहे हैं. इसकी वजह जानने का प्रयास किया तो सामने आया कि इन 'स्पेशल' बच्चों ने कुंभकार से करीब 5100 दीपक खरीदे. उसके बाद इन सभी पर डिजाइन उकेरी और उसके बाद स्टॉल लगाकर इसे बेचने का कार्य शुरू किया. जब भी कोई खरीदार इनके पास आता तो उसे ये प्लास्टिक की थैली नहीं बल्कि कपड़े की थैली में दीपक देते हैं. ये कपड़े की थैलियां भी इन्होंने खुद ही तैयार की है. साथ ही बड़ा संदेश दे रहे हैं कि दीपावली पर मिट्टी के दीपक जलाएं और पर्यावरण संरक्षण के लिए आप भी पहल करते हुए प्लास्टिक को ना कहें.

Churu's deaf dumb children message on Diwali, Churu's deaf and dumb children, message on Diwali, चूरू में परंपरा और पर्यावरण संरक्षण की पहल, चूरू समाचार, चूरू मिट्टी के दीपक, चूरू दिव्यांग बच्चे, चूरू मूक बधिर बच्चे, tradition and environmental protection initiative in churu, churu news. churu clay lamp, churu divyang child, churu mute deaf child
author img

By

Published : Oct 25, 2019, 1:57 PM IST

चूरू. दीपावली पर लोग अपने घरों में मिट्टी के दीपक ही जलाएं और प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग नहीं करें, इस संदेश को लेकर इन दिनों चूरू की मधुर स्पेशल शिक्षण संस्था के दिव्यांग बच्चे बाजार में स्टाल लगाकर लोगों को मिट्टी के दीपक बेच रहे है. इसके साथ ही इशारों ही इशारों में वे चाइनीज लाइटों की रोशनी नहीं करने की अपील भी कर रहे हैं.

चूरू के मूक-बधिर बच्चे बेच रहे डिजाइनर दीपक

इतना ही नहीं यह बच्चे इन दीयों को कपड़े के थैलों में पैक कर के दे रहे हैं. ताकि, लोगों को यह भी संदेश मिले कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हुए प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल नहीं करें. ये बच्चे दीपक कुम्हार से खरीद कर उसे कलर कर आकर्षक बना रहे हैं. वहीं कपड़े के थैले खुद तैयार कर रहे है. 10 बच्चों ने स्टॉल लगाई है तो करीब 40 बच्चे दीपक को डिजाइनर बना रहे हैं.

यह भी पढ़ें- ये है कोटा की आरएसी : आपात स्थिति में मोर्चा संभालने के अलावा अब पर्यावरण की सुरक्षा में भी उतरी बटालियन

इस संस्था के बच्चों ने दीपक बनाने से लेकर बेचने का काम आपस में बांट रखा है. जहां संस्था के परिसर में करीब 40 बच्चे दीपक के साथ ही मिट्टी के कलश बनाने का काम भी कर रहे हैं. वहीं 10 बच्चों ने पुरानी सड़क पर स्टॉल लगाकर दीये बेचने का काम कर रहे है.

यह भी पढ़ें- उदयपुर: मिट्टी के दीपक बने सबकी पसंद, महंगाई की मार, फिर भी खरीदार बेशुमार

संस्था के बच्चों ने अब तक 5000 दीपक तैयार कर लिए हैं. वहीं एक हजार से ज्यादा कपड़े के थैले भी बना लिए है.यह दीपक तैयार करने में इस संस्था का स्टाफ भी सहयोग कर रहा है. इन बच्चों की ओर से कलर कर तैयार किए गए. यह दीये लोगों को खासा पसंद आ रहे है.

चूरू. दीपावली पर लोग अपने घरों में मिट्टी के दीपक ही जलाएं और प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग नहीं करें, इस संदेश को लेकर इन दिनों चूरू की मधुर स्पेशल शिक्षण संस्था के दिव्यांग बच्चे बाजार में स्टाल लगाकर लोगों को मिट्टी के दीपक बेच रहे है. इसके साथ ही इशारों ही इशारों में वे चाइनीज लाइटों की रोशनी नहीं करने की अपील भी कर रहे हैं.

चूरू के मूक-बधिर बच्चे बेच रहे डिजाइनर दीपक

इतना ही नहीं यह बच्चे इन दीयों को कपड़े के थैलों में पैक कर के दे रहे हैं. ताकि, लोगों को यह भी संदेश मिले कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हुए प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल नहीं करें. ये बच्चे दीपक कुम्हार से खरीद कर उसे कलर कर आकर्षक बना रहे हैं. वहीं कपड़े के थैले खुद तैयार कर रहे है. 10 बच्चों ने स्टॉल लगाई है तो करीब 40 बच्चे दीपक को डिजाइनर बना रहे हैं.

यह भी पढ़ें- ये है कोटा की आरएसी : आपात स्थिति में मोर्चा संभालने के अलावा अब पर्यावरण की सुरक्षा में भी उतरी बटालियन

इस संस्था के बच्चों ने दीपक बनाने से लेकर बेचने का काम आपस में बांट रखा है. जहां संस्था के परिसर में करीब 40 बच्चे दीपक के साथ ही मिट्टी के कलश बनाने का काम भी कर रहे हैं. वहीं 10 बच्चों ने पुरानी सड़क पर स्टॉल लगाकर दीये बेचने का काम कर रहे है.

यह भी पढ़ें- उदयपुर: मिट्टी के दीपक बने सबकी पसंद, महंगाई की मार, फिर भी खरीदार बेशुमार

संस्था के बच्चों ने अब तक 5000 दीपक तैयार कर लिए हैं. वहीं एक हजार से ज्यादा कपड़े के थैले भी बना लिए है.यह दीपक तैयार करने में इस संस्था का स्टाफ भी सहयोग कर रहा है. इन बच्चों की ओर से कलर कर तैयार किए गए. यह दीये लोगों को खासा पसंद आ रहे है.

Intro:चुरू। दीपावली पर लोग अपने घरों में मिट्टी के दीपक ही जलाएं और प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग नहीं करें इसके लिए चूरू की एक संस्था के दिव्यांग बच्चे (मूक बधिर) बाजार में स्टाल लगाकर लोगों को मिट्टी के दीपक बेच रहे है।
इसके साथ ही इशारों ही इशारों में वे चाइनीज लाइट की रोशनी नहीं करने की अपील भी कर रहै हैइतना ही नहीं यह बच्चे इन दियों को कपड़े के थैलों में पैक कर के दे रहे हैं ताकि लोगों को यह भी संदेश मिले कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हुए प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल नहीं करें।
ये बच्चें दीपक कुम्हार से खरीद कर उसे कलर कर आकर्षक बना रहे है तो कपड़े के थैले खुद तैयार कर रहे है।



Body:10 बच्चों ने लगाई स्टॉल तो करीब 40 बच्चे कर रहे हैं दीपक तैयार
इस संस्था के बच्चों ने दीपक बनाने से लेकर बेचने का काम बांट रखा है। जहां संस्था के परिसर में करीब 40 बच्चे दीपक के साथ ही मिट्टी के कलश बनाने का काम कर रहे हैं तो वही 10 बच्चों ने पुरानी सड़क पर स्टॉल लगाकर दीयेबेचने का काम कर रहे है। संस्था के बच्चों ने अब तक 5000 दीपक तैयार कर लिए हैं वही एक हजार से ज्यादा कपड़े के थैले भी बना लिए है।
यह दीपक तैयार करने में इस संस्था का स्टाफ भी सहयोग कर रहा है। इन बच्चों की ओर से कलर कर तैयार किए गए यह दीये लोगों को खासा पसंद आ रहे है।





Conclusion:बाइट: संस्था प्रधान।
बच्चों की ओर से दीपावली के मौके पर पर्यावरण सरक्षण और परंपराएं कायम रहे इसके लिए मिट्टी के दीयों के आकर्षक कलर करके बेचा जा रहा है। यह दीये कपड़े के थैले में ही पैक करके लोगों को दिए जा रहे है। इसका मकसद है की दीपावली पर दीयों से ही घरों में रोशनी हो और वही कपड़े के थैलों में इसलिए डाल कर दिया जा रहा है ताकि लोग प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित हो।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.