चूरू. जिला मुख्यालय पर गुरुवार को फर्जीवाड़े का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको देख और सुन हर कोई दंग रह जाएगा कि क्या भला एक ही नंबर की दो बसें भी हो सकती हैं. मामला उजागर होने के बाद सूचना पर मौके पर पहुंचे यातायात पुलिस की आंखें भी खुली की खुली रह गईं. एक बार नहीं दो बार नहीं, बल्कि कई बार दोनों बसों के आगे के और पीछे के नंबर पुलिसकर्मियों के देखने के बाद यह साफ हुआ कि भले ही ये बसें दो हों, लेकिन नंबर दोनों पर एक ही लगे हैं. लेकिन पूरे मामले में हैरानी की बात तो यह है कि मौके पर पहुंची पुलिस की इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कारवाई से पहले मामला रफा दफा करने के प्रयास भी रसूख रखने वाले लोगों ने यहां शुरू कर दिए थे.
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RJ-23-PA-4318 नंबर प्लेट लगी ये दोनों बसें नंबरों के हिसाब से सीकर की हैं, लेकिन अब यह भी जांच का विषय है कि क्या दोनों ही नंबर इन बसों के लगे फर्जी हैं या एक बस के नंबर. जानकारी अनुसार यह दोनों बसें शहर में एक शादी समारोह में फतेहपुर से आई थीं. यहां हैरान कर देने वाली बड़ी बात यह भी है कि चूरू से फतेहपुर की दूरी 35 से 40 किलोमीटर की है. बीच रास्ते मे चूरू में दाखिल होने के बाद परिवहन विभाग का दफ्तर भी आता है. हाइवे मोबाइल पेट्रोलिंग की टीम भी सड़कों पर होती है तो क्या इन सब को दरकिनार कर यह फर्जीवाड़ा सड़कों पर सरपट दौड़ता रहा और किसी ने इस और ध्यान नहीं दिया.
टैक्स की चपत
फर्जी नंबर प्लेट का यह खेल कोई छोटा मोटा नहीं, बल्कि बहुत बड़े स्तर पर है. आरोपी बस मालिक ना सिर्फ फर्जीवाड़ा कर रहा, बल्कि अपने इस फर्जीवाड़े के जरिए वह परिवहन विभाग को भी टैक्स की चपत लगा रहा है. अब यह जांच का विषय है कि क्या चूरू आई इन दोनों बसों का टेंपरेरी परमिट लिया हुआ है या एक ही बस का. बरहाल मामला उजागर होने के चार घंटों बाद भी बस मालिक के खिलाफ किसी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है. ईटीवी भारत ने जब चूरू डीटीओ से फोन पर इस सम्बंध में जानकारी लेनी चाही तो डीटीओ संजीव दलाल का फोन भी बंद आया.