चूरू. कोविड-19 के संक्रमण से जब पूरी दुनिया विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से जूझ रही है, ऐसे में चूरू जिला कलेक्टर संदेश नायक ने अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ जिले के लोगों को अपनी जरूरतें सीमित कर 'गिव अप समथिंग' का संदेश दिया है. इस मुहिम में जिला कलेक्टर संदेश नायक ने स्वयं दोपहर का भोजन छोड़ते हुए संकल्प लिया है कि पूरा लॉकडाउन चलने तक वह दोपहर का लंच नहीं करेंगे.
जिला कलेक्टर संदेश नायक ने बताया कि 'गिव अप समथिंग' के पीछे उनका उद्देश्य यह है कि लोग विलासिता की बजाए जरूरतों तक केंद्रित हो और मानवता के लिए संकट कि इस घड़ी में ऐसा कुछ न कुछ छोड़ें, जिसे छोड़ने से भी उनका काम चल सकता है और वे संसाधन दूसरे जरूरतमंद लोगों के काम आ सकता है. उन्होंने कहा कि पूरा भोजन छोड़ने की बजाए लोग अपने भोजन में सादगी ला सकते हैं. सब्जियों में अपना मीनू सीमित कर सकते हैं या फिर अपनी तरफ से कुछ भी योगदान कर सकते हैं.
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जरूरतें कम करने से ना केवल हमें होम आइसोलेशन में मदद मिलेगी, बल्कि हम बाहर कम निकलेंगे तो संक्रमण का खतरा भी कम होगा. साथ ही हम अपनी बचत दूसरे लोगों की मदद के लिए भी दे सकेंगे. उन्होंने बताया कि पिछले करीब 1 सप्ताह से वह दिन का अपना भोजन नहीं ले रहे. इससे उन्हें काम के लिए ज्यादा समय मिल रहा है और खाद्यान्न बचाने का यह संकल्प भी उनका पूरा हो रहा है.
जिला कलेक्टर सन्देश नायक ने बताया कि वर्तमान में जब लॉकडाउन है, तब भी चिकित्सक, पुलिसकर्मी, प्रशासन से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी, सामाजिक संस्थाएं और भामाशाह आदि अच्छा काम कर रहे हैं. ऐसे में जो लोग घर पर बैठे हैं और किसी न किसी प्रकार की मानवता की सेवा करना चाह रहे हैं, वे भी इस 'गिव अप समथिंग' के जरिए मानवता की मदद कर सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि हालांकि अभी खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है और प्रत्येक जरूरतमंद तक पर्याप्त राशन सामग्री पहुंचाई जा रही है, लेकिन जिन लोगों के पास आवश्यकता से अधिक है, वे अपना योगदान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जैसी परिस्थितियां है, उनमें प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग, एक-एक पैसा की बचत, खाद्यान्न का प्रत्येक कण और प्रत्येक संसाधन महत्वपूर्ण है और हमें इनके सदुपयोग की दिशा में जागरूक होना चाहिए.