चूरू. शहर में निजी अस्पतालों में मरीजों के उपचार से इनकार करना और अनावश्यक वसूली की शिकायतों को जिला कलेक्टर संदेश नायक ने गंभीरता से लिया है. कलेक्टर नायक ने निजी अस्पतालों को निर्देशित किया है कि, ऐसी शिकायतें सही पाए जाने पर संबंधित अस्पताल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कानूनी कारवाई की जाएगी. साथ उन्हें आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के साथ हुए करार को भी रद्द कर दिया जाएगा.
जिला कलेक्टर की और से जारी आदेशो में कहा गया कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव और आमजन को आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में लोकहित में सभी निजी चिकित्सालयों को निर्देशित किया गया है. जिसमें ये निर्देशित किया गया था कि ओपीडी, आईपीडी, आपातकालीन सेवाएं सुचारू रूप से संचालित करते हुए अस्पताल में आने वाले मरीजों को समस्त आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराएं. लेकिन कुछ निजी अस्पतालों में मरीजों के उपचार से इनकार कर उन्हें सरकारी अस्पतालों में रेफर किया जाता है.
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इसके अलावा यह भी सामने आया कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में एंपेनल्ड अस्पताल, एनएफएसए एव एसईसीसी श्रेणी के लाभार्थियों से अनावश्यक रूप से राशि भी वसूल रहे हैं, जो ना केवल अनुचित है अपितु अनैतिक भी है. इसको लेकर राजस्थान एपिडेमिक डिजिजेज एक्ट 1957 के तहत सभी चिकित्सालयों को पुन निर्देशित किया गया है कि वे अपनी ओपीडी, आईपीडी, आपातकालीन सेवाएं सुचारू करते हुए मरीजों का समुचित उपचार करें. एनएफएसए, एसईसीसी श्रेणी के लाभार्थियों से अनावश्यक वसूली न करें.
जिला कलेक्टर ने बताया कि इन आदेशों की अवहेलना पाए जाने पर ऐसे निजी चिकित्सालयों के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत आवश्यक कानूनी कारवाई की जाएगी. अस्पताल को वर्तमान फेज में ही आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना से असम्बन्ध कर दिया जाएगा. साथ ही भविष्य में भी एम्पेनल नहीं किया जाएगा.