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पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में हुआ सुधार: विश फाउंडेशन - राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाएं

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले विश फाउंडेशन के निदेशक कपिल जुत्शी ने बुधवार को एक निजी होटल में प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में काफी सुधार हुआ है.

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Published : Aug 22, 2019, 4:47 AM IST

चूरू. राज्य सरकार की पहल पर शुरू हुई पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में काफी सुधार हुआ है. विश फाउंडेशन के निदेशक कपिल जुत्शी ने ये बात बुधवार को एक निजी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही.

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प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि राजस्थान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सुदृढ़ करने और उनकी सुविधाओं का लाभ जरूरतमंद ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक मॉडल पायलट योजना की शुरुआत विश फाउंडेशन के साथ मिलकर साल 2015 में की थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने बताया था कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर मानव संसाधन, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य चीजों में सुधार किया जाए तो किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकती हैं.

विश फाउंडेशन के मुताबिक राजस्थान में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में सुधार हुआ.

विश फाउंडेशन राजस्थान के निदेशक कपिल जुत्शी का कहना है कि उनके फाउंडेशन की ओर से साल 2015 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों पर नवाचारों के जरिए स्वास्थ्य केंद्रों पर कई प्रकार की सुविधाओं का इजाफा किया गया. इससे स्वास्थ्य केंद्रों की गुणवत्ता बढ़ी. उनके मुताबिक किसी भी स्वास्थ्य केंद्र को मानव संसाधन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाओं के जरिए उन्हें सुदृढ़ किया जा सकता है.

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30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 153 उप केंद्रों के साथ की थी शुरुआत
विश फाउंडेशन के निदेशक कपिल जुत्शी ने बताया कि विश फाउंडेशन ने साल 2015 में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 153 उपकेंद्र का प्रबंधन किया था, जिनसे नवाचारों के जरिए स्वास्थ्य सेवा में गुणवत्ता आई. नवाचारों में डिजिटल हेल्थ और वेल्थ सेंटर को बढ़ावा दिया गया. टेलीमेडिसिन, दवा एटीएम, मोबाइल इसीजी, प्रसव जानकारी और बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का पता लगाने सहित कई प्रकार के नवाचारों को शामिल किया गया.

चूरू. राज्य सरकार की पहल पर शुरू हुई पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में काफी सुधार हुआ है. विश फाउंडेशन के निदेशक कपिल जुत्शी ने ये बात बुधवार को एक निजी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही.

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प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि राजस्थान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सुदृढ़ करने और उनकी सुविधाओं का लाभ जरूरतमंद ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक मॉडल पायलट योजना की शुरुआत विश फाउंडेशन के साथ मिलकर साल 2015 में की थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने बताया था कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर मानव संसाधन, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य चीजों में सुधार किया जाए तो किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकती हैं.

विश फाउंडेशन के मुताबिक राजस्थान में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में सुधार हुआ.

विश फाउंडेशन राजस्थान के निदेशक कपिल जुत्शी का कहना है कि उनके फाउंडेशन की ओर से साल 2015 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों पर नवाचारों के जरिए स्वास्थ्य केंद्रों पर कई प्रकार की सुविधाओं का इजाफा किया गया. इससे स्वास्थ्य केंद्रों की गुणवत्ता बढ़ी. उनके मुताबिक किसी भी स्वास्थ्य केंद्र को मानव संसाधन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाओं के जरिए उन्हें सुदृढ़ किया जा सकता है.

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30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 153 उप केंद्रों के साथ की थी शुरुआत
विश फाउंडेशन के निदेशक कपिल जुत्शी ने बताया कि विश फाउंडेशन ने साल 2015 में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 153 उपकेंद्र का प्रबंधन किया था, जिनसे नवाचारों के जरिए स्वास्थ्य सेवा में गुणवत्ता आई. नवाचारों में डिजिटल हेल्थ और वेल्थ सेंटर को बढ़ावा दिया गया. टेलीमेडिसिन, दवा एटीएम, मोबाइल इसीजी, प्रसव जानकारी और बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का पता लगाने सहित कई प्रकार के नवाचारों को शामिल किया गया.

Intro:चूरू। विश फाउंडेशन के निदेशक कपिल जुत्शी ने कहा है कि राज्य सरकार की पहल पर शुरू हुई पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में काफी सुधार हुआ है। जुत्शी यहां बुधवार को होटल सनसिटी में इस संबंध में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सुदृढ़ करने और उनकी सुविधाओं का लाभ जरूरतमंद ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक मॉडल पायलट योजना की शुरुआत विश के साथ मिलकर 2015 में की थी।
इसके जरिए हम ने बताया कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर मानव संसाधन, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य चीजों में सुधार किया जाए तो किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकती हैं।


Body::30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 153 उप केंद्रों के साथ की थी शुरुआत
जुत्शी ने बताया कि विश फाउंडेशन ने 2015 में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 153 उपकेंद्र का प्रबंधन किया था। जिनसे नवाचारों के जरिए यहां पर स्वास्थ्य सेवा में गुणवत्ता आई।
नवाचारों में जैसे डिजिटल हेल्थ व वेल्थ सेंटर को बढ़ावा दिया गया। टेलीमेडिसिन, दवा एटीएम, मोबाइल इसीजी, प्रसव जानकारी व बच्चों के स्वर्ण संबंधी बीमारियों का पता लगाने सहित कई प्रकार के नवाचारों को शामिल किया गया।


Conclusion:बाइट: कपिल जुत्शी, निदेशक, विश फाउंडेशन, राजस्थान।
विश फाउंडेशन राजस्थान के निदेशक कपिल जुत्शी का कहना है कि उनके फाउंडेशन की ओर से वर्ष 2015 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उपकेंद्रों पर नवाचारों के जरिए स्वास्थ्य केंद्रों पर कई प्रकार की सुविधाओं का इजाफा किया गया।
इससे स्वास्थ्य केंद्रों की गुणवत्ता बढ़ी। किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर मानव संसाधन इन्फ्रास्ट्रक्चर व अन्य सुविधाओं के जरिए उन्हें सुदृढ़ किया जा सकता है।
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