कपासन (चित्तौड़गढ़). क्षेत्र में खुशहाली व अच्छी वर्षा की कामना को लेकर नगर के खेडा देवता की विधि-विधान के साथ दो दिवसीय पूजा-अर्चना की शुरुआत रविवार से की गई हैं. वहीं, 30 किलोमीटर की पैदल दुरी तय कर की जाती है खेड़ा देवता की पूजा.
इसमें गांव पटेल सहित विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों के दल की ओर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी तय करके क्षेत्र के सभी देवी, देवताओं की पूजा-अर्चना की जाएगी. जहां नगर में गांव पटेल, भोपा, गांव बलाई सहित नगर के चारों भागों के नगारची आदि का दल खेड़ा देवता का पूजा करेगा.
वहीं, रविवार को बिल्ली के देवरे से पूजा कार्यक्रम शुरु हुआ. इसके बाद अटला बावजी, गोठा बावजी, जागड़ माताजी तेजाजी, बावजी गढ़ भैरूजी, गोरजी बावजी के यहां पूजा की गई. इस दौरान दल के सभी साथियों के साथ पटेल धूपबत्ती, खांड खोपरा, सिन्दुर माली पन्ना लेकर ढोल थाली मान्दल बजाते हुए उक्त धार्मिक स्थानों पर पहुंचते हैं.
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जहां सभी देवताओं को सिन्दुर से आंगी करके विधि- विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. वहीं, कई देवताओं को मदिरा की धार भी लगाई जाती है. यह पूजा बारिश की कामना के लिए की जाती है और यह परम्परा कपासन बसावट के समय से ही चली आ रही है.
इस अवसर पर गांव पटेल छगन लाल जाट, नारायण लाल जाट, रोशन मेवाडी, शंकर प्रजापत, हजारी खटीक, छडीदार प्रतिनिधि धनराज सालवी, मुलचन्द, भेरू लाल, थाली वादक मदन लाल, छोगा लाल, ओम प्रकाश , नवलराम जटिया आदी उपस्थित थे. जानकारी के मुताबिक सोमवार को लिंकन के बालाजी, खाखरिया माताजी, मंगल देव, मंगरी के भैरूजी, सगस बावजी, बिल्ली के देवरे पर पूजा की जाएगी.