चित्तौड़गढ़. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मंगलवार सुबह अपनी एक दिवसीय यात्रा पर चित्तौड़गढ़ पहुंचे. उनके साथ उनकी पत्नी सुधेश धनखड़ भी साथ थीं. सैनिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बच्चों को राष्ट्र सेवा के लिए संकल्पित होने का आह्वान किया और कहा कि वे देश के सर्वाेच्च शिक्षण संस्थान में अध्ययन कर रहे हैं. सैनिक स्कूल के बच्चों और स्टाफ सहित अन्य लोगों से रूबरू होते हुए अपने उद्बोधन में उपराष्ट्रपति ने बताया कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और डिजिटल क्रांति में अग्रणी है.
उन्होंने सैनिक स्कूल के अनुशासन को याद करते हुए कहा कि आज यही वजह है कि मैं इस स्कूल के मंच से इस पद पर रहकर बोल पा रहा हूूं. सैनिक स्कूल की पढ़ाई को उन्होंने गौरव की बात बताया. वहीं अपने संबोधन के दौरान विद्यालय के शिक्षकों को भी याद किया. इस दौरान उन्होंने समारोह में मौजूद जनरल मान्धाता सिंह को रोल मॉडल बताया और कहा कि वे इस स्कूल के एक नम्बर स्कॉलर रहे हैं. उपराष्ट्रपति डबोक एयरपोर्ट से सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से चित्तौड़गढ़ पहुंचे. स्कूल के प्राचार्य सौम्यव्रतधर, उपाचार्य लेफ्टिनेन्ट कर्नल पारूल श्रीवास्तव ने उनका स्वागत किया. उसके बाद गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
पुराने अनुभव किये साझा: उपराष्ट्रपति ने सैनिक स्कूल के अपने दौरे के दौरान पुराने अनुभव साझा किये और बताया कि उन्होंने स्कूल के सांगा हाऊस में पढ़ाई की थी. उन्होंने इस दौरान स्कूल की पढ़ाई और अनुशासन सहित वेशभूषा के बारे में अपने अध्यापकों की बातों को याद किया. अपने कार्यक्रम के दौरान सैनिक स्कूल प्रांगण में पौधारोपण भी किया.
गुरु के घर पहुंचे उपराष्ट्रपति, शरारतों पर लगे ठहाके: धनखड़ सैनिक स्कूल के हेलीपेड पर उतरने के बाद सीधे अपने गुरु एचएस राठी के घर पहुंचे और 20 मिनट तक उनके साथ रूके. अपने गुरु के साथ बातें करते हुए स्कूल के दिनों की शरारतों को भी याद किया और जमकर ठहाके लगाए. उन्होंने बताया कि वे स्कूल बंक कर फिल्म देखने जाते थे. वहीं दोस्तों के साथ बाजार में ठेलों पर नाश्ता करने की बात को भी साझा किया. जिस पर खुलकर ठहाके लगे. इस दौरान एचएस राठी के पुत्र बीएसएफ के डिप्टी कमांडेट दीपक राठी और उनकी पत्नी पूनम राठी भी उनके साथ रहीं.
पढ़ाई में होशियार थे धनखड़: चर्चा के दौरान एचएस राठी ने बताया कि जगदीप पढ़ाई में होशियार थे और गणित पर उनका अच्छा कमांड था. उनके बड़े भाई भी इसी स्कूल में पढ़े. 1962 से 1969 तक उन्होंने स्कूल में पढ़ाई की. गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ झंझुनू के रहने वाले हैं और उनका जन्म 18 मई, 1951 को हुआ. उपराष्ट्रपति टीचर से मिलने के बाद सैनिक स्कूल पहुंचे. वहां उन्होंने सांगा हॉस्टल का अवलोकन किया. यहां वे अपने कमरे में गए. वहीं उन्होंने कमरे में अपने बेड को देखा और उस पर दो मिनट बैठकर यादें ताजा की.