चित्तौड़गढ़: बेगूं विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने सभा को (Vasundhara addressed sabha) संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात लोगों को याद दिलाई. साथ ही देव दर्शन यात्रा (Dev Darshan Yatra) को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर भी खुले मंच से जवाब दिया. वसुंधरा ने विकास के लिए मतभेद भूलकर एक साथ आने का मंत्र भी दिया.
'कोरोना के कारण नहीं पहुंची आपके पास'
राजे ने कहा कि यात्रा का राजनीतिकरण नही किया जाए पिछले डेढ़ साल से वे कोरोना के कारण जनता के बीच नही आ पाई थीं. इस दौरान कई कार्यकर्ताओं, नेताओं का दुखद निधन हो गया. वसुंधराने पुत्र वधू की सेहत का हवाला भी दिया और कहा कि बहु की बीमारी की वजह से वो अपनी जनता से मुखातिब नहीं हो पा रही थीं. अब आईं हैं तो भगवान के सामने शीश झुका कर प्रदेश में सभी को स्वस्थ्य रखने और संपन्न बनाने की कामना करती हैं.
'वक्त हमारा है'
राजे बारबार इसे निजी यात्रा कहती रहीं, देवदर्शन यात्रा का इसे नाम भी दिया गया है लेकिन सभा में जो कुछ राजे ने कहा उसे अराजनैतिक नहीं कहा जा सकता. उन्होंने अपने लोगों का हौसला बढ़ाया और कहा 2 साल तक हिम्मत रखें क्योंकि आगे वाला वक्त हमारा है.
सभा को संबोधित करने के बाद वो 120 फ़ीट रोड स्थित हेलीपैड से हेलीकॉप्टर से चितौड़गढ़ के लिए रवाना हो गईं. संबोधन से पहले मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) ने प्रभु श्रीनाथजी की ग्वाल झांकी के दर्शन किए. जहां परंपरानुसार उनका स्वगत किया गया. इस दौरान भाजपा कांग्रेस के संगम का एक अजीब सहयोग भी बना जब प्रदेश के गृहराज्य मंत्री राजेन्द्र यादव भी दर्शन करने पहुंचे. दोनों नेताओं की मंदिर में ही मुलाकात हुई जहां दोनों ने एक दूसरे का हालचाल पूछा.
कार्यकर्ताओं में दिखा उल्लास
4 दिवसीय देव दर्शन यात्रा (Dev Darshan Yatra) के तहत चित्तौड़गढ़ पहुंची पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Former CM Vasundhara Raje Scindia) का जोरदार स्वागत किया गया. समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की. इस दौरान सेल्फी लेने की जद्दोजहद करते कार्यकर्ता आपस में भिड़ते भी दिखे.
23 से 26 नवंबर तक वो यात्रा पर हैं. जब वो 2 दिन पहले श्री सांवलियाजी पहुंची थीं तो काफी अव्यवस्था का सामना करना पड़ा था. इसके चलते ही आज हेलीपैड पर लोगों को जाने से रोका गया. हालांकि इसके बावजूद हेलीपैड और मंच पर भारी भीड़ देखने को मिली.
सिक्कों से गया था तौला
इससे पूर्व बुधवार देर शाम नाथद्वारा पहुंचने पर वसुंधरा का बस स्टैंड पर पूर्व विधायक दिवंगत कल्याणसिंह चौहान के परिवार व पुत्र योगेंद्रसिंह चौहान के नेतृत्व में सैंकड़ों समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया था. वहां कुमावत समाज की ओर से राजे को सिक्कों से तौला गया था.
राजे ने रात्रि विश्राम स्थानीय धिराजधाम में किया, जहां भी कई समर्थकों उनसे मिलने पहुंचे थे.नाथद्वारा आने से पूर्व उन्होंने उदयपुर के एकलिंग जी और गढ़बोर के चारभुजा मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद लिया था.
आचार्य महाश्रमण से लिया आशीर्वाद
वसुंधरा राजे ने आचार्य महाश्रमण के दर्शन कर आशीर्वाद लिया. यहां धर्म सभा में आचार्य के धोक लगा कर आशीर्वाद लिया है. पुलिस की ओर से सुरक्षा को लेकर भी कड़े बंदोबस्त किए गए. धर्म सभा के बाद राजे निकट स्थित राजपुरा गांव पहुंची, जहां पूर्व मंत्री चुन्नीलाल धाकड़ के कोरोना काल में हुए निधन पर शोक जताया है.