चित्तौड़गढ़. जिले के रावतभाटा क्षेत्र में स्कूल से लौटते समय रास्ते में दो बच्चों की रास्ते में नाले में डूबने से मौत हो गई. हालांकि, शनिवार शाम दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया. लेकिन इस मामले को लेकर रविवार को दूसरे दिन ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया और रावतभाटा-रामगंज मंडी रोड पर जाम लगा दिया. वे लोग मृतक बच्चों के परिवारजनों को आर्थिक सहायता दिलवाने की मांग कर रहे थे. आखिरकार प्रशासन के आश्वासन पर करीब 3 घंटे बाद ग्रामीणों ने मार्ग खोला.
दरअसल, कुंडाल क्षेत्र में रविवार दोपहर में यह हादसा हुआ था. मैनपुर में रहने वाले 14 वर्षीय विक्रम पुत्र आशु बंजारा और 15 वर्षीय रवि पुत्र शंभू बंजारा स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर लौट रहे थे कि रास्ते में बहते हुए नाले की रपट में फिसल गए और दोनों की मौत हो गई. दोनों ही आपस में चचेरे भाई थे. रपट पर करीब 3 फीट पानी बह रहा था. परिजनों ने मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं करवाया और उनका अंतिम संस्कार कर दिया. इस बीच रविवार सुबह परिजनों के साथ ग्रामीणों ने रामगंजमंडी-रावतभाटा रोड को जाम कर दिया.
पढ़ें : Death in Bhilawara : बकरियां चराने गईं दो नाबालिग बालिकाओं की पानी में डूबने से मौत
उनकी मांग थी कि दोनों के परिवार जनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए. सूचना पर रावतभाटा थाना प्रभारी रजनीश गुर्जर और एसडीएम राजेश खटाना मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे. प्रशासन द्वारा छोटी पुलिया को बड़ा करवाने के साथ परिजनों को नियमानुसार आर्थिक सहायता दिलवाने का आश्वासन दिया गया. इसके बाद ही ग्रामीणों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया.
सीआई गुर्जर के अनुसार स्कूल से लौटने के दौरान संभवत एक बच्चा पानी में डूबा होगा. उसे बचाने के प्रयास में ही दूसरा भी फिसल गया और दोनों की मौत हो गई. परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया गया था. बिना पोस्टमार्टम दोनों का अंतिम संस्कार करा दिया गया.