चित्तौड़गढ़. केंद्र सरकार ने फोकस लाइटिंग के 8 करोड़ के प्रस्ताव को स्वीकार (Focus Lighting on Chittorgarh fort) कर लिया है. इसके साथ ही अब ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग की प्राचीर के साथ-साथ प्रमुख स्मारक हर रात जगमगाते नजर आएंगे. दरअसल, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और जिला प्रशासन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रजेंटेशन और चर्चा के बाद प्रस्ताव को सिद्धांतिक मंजूरी मिली है. इसके साथ ही अगले महीने से योजना पर काम शुरू होने की संभावना है. बता दें कि ये प्रस्ताव यूआईटी की तरफ से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था.
सांसद सीपी जोशी ने क्या कहा जानिए: इसके प्रस्ताव की मंजूरी के लिए सांसद सीपी जोशी भी काफी समय से प्रयासरत थे. सांसद जोशी ने बताया कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के समस्त प्रेजेंटेशन के बाद प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई. अब काम शुरू करने में किसी प्रकार की कोई अड़चन नहीं आएगी. उन्होंने आगे कहा कि 3 साल पहले किले पर परमानेंट लाइटिंग के लिए केंद्र सरकार की ओर से स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत करीब 6 करोड़ रुपए मंजूर किए थे. इसके लिए आरटीडीसी को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया, लेकिन आरटीडीसी यह कार्य नहीं करवा पाई और बजट लैप्स हो गया.
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जिला कलेक्टर प्रोजेक्ट को लेकर रहे एक्टिव: सीपी जोशी ने कहा कि इसके बाद जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने विशेष रूचि दिखाते हुए यूआईटी के जरिए दुर्ग की प्राचीर समेत प्रमुख स्मारकों पर लाइटिंग का प्रस्ताव बनाकर भिजवाया गया. मगर, दुर्ग पूरी तरह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत संरक्षित क्षेत्र में आता है, जिसकी वजह से अनुमति नहीं मिल पा रही थी.
विभागीय स्तर पर परीक्षण शुरू: उन्होंने जिला प्रशासन के प्रस्ताव को संस्कृति मंत्रालय और एएसआई के महानिदेशक के सामने रखा. बीते महीने केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के चित्तौड़गढ़ दौरे पर भी उनके सामने कलेक्टर की तरफ से प्रोजेक्ट पेश करते हुए उनसे मंजूरी देने की अपील की थी. इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को निर्देशित किया था. उसके बाद विभागीय स्तर पर परीक्षण शुरू हो गया.