चित्तौड़गढ़. मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्ण धाम भगवान सांवरिया सेठ के (Chittorgarh Sanwaliya Seth Temple) भंडारे की राशि की गणना पूरी हो गई है. दूसरे दौर में एक करोड़ 3400000 रुपए की राशि निकली है. साथ ही भंडार से निकली दान राशि सवा 7 करोड़ रुपए तक पहुंच गई. मंदिर मंडल के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर ने बताया कि अमावस्या के कारण दानपात्र की राशि की गणना नहीं की गई और दूसरे चरण की गणना अगले दिन की गई. दूसरे दौर में एक करोड़ 26 लाख 2470 रुपए निकले हैं. जबकि पहले दौर में 5 करोड़ 840000 रुपए मिले थे.
इस प्रकार भंडार से दोनों ही चरण में करीब 6 करोड़ 42 लाख रुपए (Donation crossed seven crore) की राशि प्राप्त हुई है. इसके अलावा भंडारे से 21 ग्राम 700 मिलीग्राम सोना और 22 किलो 42 ग्राम 20 मिलीग्राम चांदी निकली है. उन्होंने बताया कि भंडारे के साथ ही कार्यालय में मनी ऑर्डर और ऑनलाइन से 9471800 रुपए की प्राप्ति हुई.
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साथ ही 123 ग्राम सोना और 8 किलो 900 ग्राम चांदी भी मिली. कुल मिलाकर भंडार व ऑफिस की राशि सवा सात करोड़ रुपए के पार हो गई है. गणना के दौरान मंदिर मंडल अध्यक्ष भैरूलाल सोनी, अशोक शर्मा, संजय कुमार मंडोवरा, प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर, मंदिर प्रभारी कैलाश चंद्र दाधीच और संपदा प्रभारी कालूलाल तेली भी मौजूद रहे.
बता दें कि सांवलिया सेठ का मंदिर चित्तौड़गढ़ से उदयपुर की (Shri Sanwaliya Seth Darshan) ओर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 28 किलोमीटर दूरी पर भादसोड़ा ग्राम में स्थित है. यह मंदिर चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन से करीब 41 किलोमीटर व डबोक एयरपोर्ट से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर अपनी सुंदरता और वैशिष्ट्य के कारण हर साल लाखों भक्तों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता है.
मान्यता है कि जो भक्त खजाने में जितना देते हैं उन्हें सांवलिया सेठ उससे कई गुना ज्यादा वापस लौटाते हैं. व्यापार जगत में उनकी ख्याति इतनी है कि लोग अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए उन्हें अपना बिजनेस पार्टनर तक बनाते हैं.