जोधपुर: पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता भवानी सिंह राजावत का कहना है कि भले ही प्रदेश में राज भाजपा का है, लेकिन ब्यूरोक्रेसी हावी है. जनप्रतिनिधियों की सुनी नहीं जाती है. बुधवार को स्वास्थ्य उपचार के लिए जोधपुर आए पूर्व मंत्री राजावत ने सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि नरेश मीणा ने अच्छा किया. दो-चार थप्पड़ और मारना चाहिए था. हो सकता है कि नरेश मीणा जनप्रतिनिधि बनता या नहीं बनता, लेकिन उसकी बात सुनी जानी चाहिए थी. राजावत ने कहा कि विधायकों की बात नहीं सुनी जाती है.
उनसे पूछा गया कि आप वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे हैं, तब और अब में फर्क महसूस करते हैं ? इस पर राजावत ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी उस समय भी हावी थी और आज भी ब्यूरोक्रेसी हावी है. जनप्रतिनिधि का काम होता है जनहित के मुद्दों को उठाना, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होती है. वहीं, कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रयास करती रहती है, लेकिन मैं पार्टी का वफादार कार्यकर्ता हूं और पार्टी के लिए ही काम करता हूं. मैं पिछले चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया था, लेकिन उस समय मुझे 7000 वोट भी नहीं मिलते और कांग्रेस जीत जाती. इसलिए मैंने अपना नाम वापस ले लिया.
मैंने थप्पड़ नहीं मारी थी : 2021 में अधिकारी को थप्पड़ मारने के मामले में हाईकोर्ट के राहत देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं उस समय के डीएफओ को समझाने का प्रयास किया था. मैंने कंधे पर हाथ रखकर उन्हें समझाने की कोशिश की थी. मैंने थप्पड़ नहीं मारा था. उस समय एक सड़क का मामला था और राजा महाराजाओं के समय की सड़क बनी हुई थी. लोगों को परेशानी हो रही थी. उसी को लेकर मैं अधिकारी को समझाने का प्रयास किया था.