चित्तौड़गढ़. सिन्धु सेवा संघ की ओर से प्रताप नगर में आयोजित वार्षिक संत सम्मेलन शुक्रवार को संतों की विदाई के साथ सम्पन्न हो गया. संत गुरू गुलराज और उनके शिष्य स्वामी लहेणाराज और उनके शिष्य गुरू लालाराज की स्मृति में अंतिम दिन सामूहिक जनैऊ संस्कार का आयोजन किया गया. जिसमें कई लोगों ने जनैऊ धारण की और उसके बाद भिक्षा का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर सात सुहागिनों की ओर से सिंधी समुदाय के उन लोगों के लिए चुन्नी पर कसीदा तैयार किया गया, जिनके घरों में आने वाले दिनों में वैवाहिक आयोजन है.
इस आयोजन के दौरान दुल्हे को यह कसीदे वाली चुन्नी पहनाई जाती है, जो काफी शुभ मानी जाती है. सम्मेलन के अंतिम दिन समापन और पल्लव की रस्म के बाद संतों की विदाई-सम्मान का कार्यक्रम आयोजित किया गया.
इस अवसर पर अध्यक्ष जयरामदास नेभनानी ने कोरोना के बीच प्रशासन की ओर से जारी की गई कोरोना गाइडलाइन के अनुसार संक्षिप्त में ये आयोजन आयोजित करने के लिए प्रशासन का आभार व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि पूर्व की वर्षों की तरह इस आयोजन को भव्यता के साथ पुनः मनाया जा सकेगा. कोरोना के कारण इस वर्ष महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य कई राज्यों के लोग यहां नहीं पहुंच सके. पूज्य सिंधी पंचायत के संरक्षक धैर्य कुमार ठक्कर ने वर्सी के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संतों का आगमन पूरे समाज के लिए प्रसन्नता का विषय है. विजय मलकानी ने इस अवसर पर गीत प्रस्तुत किए. ट्रस्टी हरीश कुमार रेलवानी ने भी विचार व्यक्त किए.