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चित्तौड़गढ़ : कोरोना के कारण एमपी बॉर्डर पर सख्ती, दो बारात रुकवाई, बारातियों को वापस लौटाया

चित्तौड़गढ़ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब मध्यप्रदेश बॉर्डर पर भी सख्ती बरती जा रही है. जिसके चलते अब मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर स्थित जलिया चेक पोस्ट को सील कर आने जाने वालों की जांच की जा रही है. इस दौरान पुलिस ने कई बारातों को भी वापस लौटाया.

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Published : Apr 27, 2021, 7:08 PM IST

चित्तौड़गढ़ हिंदी न्यूज, Corona cases in Rajasthan
कोरोना के कारण मध्यप्रदेश बॉर्डर पर पुलिस कर रही लोगों की जांच

चित्तौड़गढ़. कोरोना संक्रमण के चलते राजस्थान में मध्यप्रेदश के बॉर्डर पर सख्ती बरती जा रही है. बिना अनुमति किसी को भी आने और जाने की अनुमति नहीं है. चित्तौड़गढ़ जिले में भी मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर स्थित जलिया चेक पोस्ट को सील कर सख्ती से जांच की जा रही है.

एमपी बॉर्डर पर मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों से बस भर कर बाराती दूल्हे के साथ चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा की ओर जा रहे थे. लेकिन चेक पोस्ट पर उन्हें रोक दिया गया. दोनों ही बसों से करीब 85 बारातियों को लौटा दिया गया. केवल दूल्हे और कुछ रिश्तेदारों को ही विवाह करने के लिए राजस्थान में प्रवेश करने दिया गया.

वहीं, एक बारात मनासा से आ रही थी तो दूसरी बारात रतलाम से. बारातियों से भरी बसों को वापस लौटना पड़ा, जबकि कार में सवार दूल्हे के पास शादी का कार्ड और एसडीओ की परमिशन होने के कारण आगे जाने दिया गया. वहीं मंगलवार को सीईओ ज्ञानमल खटीक ने बॉर्डर का निरीक्षण किया है.

जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए थे. इस दौरान आने-जाने वाले निजी वाहनों को रोका जा रहा है. जिनके पास मेडिकल इमरजेंसी प्रूफ, क्षेत्रीय गवर्नमेंट की परमिशन है, उन्हीं को आगे जाने दिया जा रहा है. ऐसे में मंगलवार को मध्यप्रदेश के मनासा शहर से बस भर के बाराती आए, जिन्हें लौट जाने को कहा. ऐसे में दुल्हन ने एसडीएम की परमिशन और शादी का कार्ड दिखाया, जिस पर चेक पोस्ट सहप्रभारी बद्रीलाल रावत और पुलिस ने केवल दूल्हे को आगे जाने की परमिशन दी और बस को लौटा दिया.

पढ़ें- CM गहलोत ने कोरोना को लेकर PM मोदी से फोन पर की बात, कहा- ऑक्सीजन टैंकर का भी अधिग्रहण करे केंद्र सरकार

इसी तरह रतलाम से भी बारातियों से भरी बस को भी लौटना पड़ा. इस दौरान दूल्हे ने मास्क नहीं लगा रखा था, जिस पर प्रभारी रावत ने दूल्हे को मास्क दिया और उनके होने वाली दुल्हन के लिए भी मास्क भेंट किया. जानकारी में सामने आया कि दोनों दूल्हों के बाराती बस में थे और बस भरी हुई थी. प्रत्येक में औसत 40 से 50 बाराती बैठे हुए थे. मनासा से जो बारात आई उसके दूल्हे, उसके पिता, बहन और कार चालक को राजस्थान में प्रवेश करने दिया गया. जबकि रतलाम से आई बारात के दूल्हे के साथ दो महिलाएं, दो पुरुष, एक चालक सहित छह लोगों को ही आगे जाने दिया. मनासा का दूल्हा बारात लेकर कपासन जा रहा था और रतलाम का दूल्हा भीलवाड़ा जा रहा था. दोनों का विवाह मंगलवार रात को हैं.

जिला परिषद सीईओ ज्ञानमल खटीक भी मौके पर पहुंचे और चेक पोस्ट का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया. सारे रिकॉर्ड भी चेक किए. सीईओ ज्ञानमल खटीक को सहप्रभारी रावत ने बताया कि आज लगभग 400 से 500 गाड़ी की गाड़ियां आई थी जिनमें से केवल 172 गाड़ियों को ही आगे जाने दिया गया. इसके अलावा सभी गाड़ियों को पुनः लौटने को कहा गया.

चित्तौड़गढ़. कोरोना संक्रमण के चलते राजस्थान में मध्यप्रेदश के बॉर्डर पर सख्ती बरती जा रही है. बिना अनुमति किसी को भी आने और जाने की अनुमति नहीं है. चित्तौड़गढ़ जिले में भी मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर स्थित जलिया चेक पोस्ट को सील कर सख्ती से जांच की जा रही है.

एमपी बॉर्डर पर मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों से बस भर कर बाराती दूल्हे के साथ चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा की ओर जा रहे थे. लेकिन चेक पोस्ट पर उन्हें रोक दिया गया. दोनों ही बसों से करीब 85 बारातियों को लौटा दिया गया. केवल दूल्हे और कुछ रिश्तेदारों को ही विवाह करने के लिए राजस्थान में प्रवेश करने दिया गया.

वहीं, एक बारात मनासा से आ रही थी तो दूसरी बारात रतलाम से. बारातियों से भरी बसों को वापस लौटना पड़ा, जबकि कार में सवार दूल्हे के पास शादी का कार्ड और एसडीओ की परमिशन होने के कारण आगे जाने दिया गया. वहीं मंगलवार को सीईओ ज्ञानमल खटीक ने बॉर्डर का निरीक्षण किया है.

जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए थे. इस दौरान आने-जाने वाले निजी वाहनों को रोका जा रहा है. जिनके पास मेडिकल इमरजेंसी प्रूफ, क्षेत्रीय गवर्नमेंट की परमिशन है, उन्हीं को आगे जाने दिया जा रहा है. ऐसे में मंगलवार को मध्यप्रदेश के मनासा शहर से बस भर के बाराती आए, जिन्हें लौट जाने को कहा. ऐसे में दुल्हन ने एसडीएम की परमिशन और शादी का कार्ड दिखाया, जिस पर चेक पोस्ट सहप्रभारी बद्रीलाल रावत और पुलिस ने केवल दूल्हे को आगे जाने की परमिशन दी और बस को लौटा दिया.

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इसी तरह रतलाम से भी बारातियों से भरी बस को भी लौटना पड़ा. इस दौरान दूल्हे ने मास्क नहीं लगा रखा था, जिस पर प्रभारी रावत ने दूल्हे को मास्क दिया और उनके होने वाली दुल्हन के लिए भी मास्क भेंट किया. जानकारी में सामने आया कि दोनों दूल्हों के बाराती बस में थे और बस भरी हुई थी. प्रत्येक में औसत 40 से 50 बाराती बैठे हुए थे. मनासा से जो बारात आई उसके दूल्हे, उसके पिता, बहन और कार चालक को राजस्थान में प्रवेश करने दिया गया. जबकि रतलाम से आई बारात के दूल्हे के साथ दो महिलाएं, दो पुरुष, एक चालक सहित छह लोगों को ही आगे जाने दिया. मनासा का दूल्हा बारात लेकर कपासन जा रहा था और रतलाम का दूल्हा भीलवाड़ा जा रहा था. दोनों का विवाह मंगलवार रात को हैं.

जिला परिषद सीईओ ज्ञानमल खटीक भी मौके पर पहुंचे और चेक पोस्ट का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया. सारे रिकॉर्ड भी चेक किए. सीईओ ज्ञानमल खटीक को सहप्रभारी रावत ने बताया कि आज लगभग 400 से 500 गाड़ी की गाड़ियां आई थी जिनमें से केवल 172 गाड़ियों को ही आगे जाने दिया गया. इसके अलावा सभी गाड़ियों को पुनः लौटने को कहा गया.

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