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मंडी प्रशासन की लापरवाही व्यापारियों को पड़ी भारी, किसानों को खदेड़ा

गुरुवार को मुख्य सब्जी मंडी में सुबह जिला प्रशासन और मंडी प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा सब्जी मंडी व्यापारियों और किसानों को उठाना पड़ा. पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों को खदेड़ दिया. भगदड़ में सब्जियां मंडी में ही छोड़ कर किसान भाग गए, जिससे नुकसान उठाना पड़ा है.

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Published : Apr 9, 2020, 11:17 PM IST

चित्तौड़गढ़ की खबर, police beaten vegetable sellers
सब्जी मंडी व्यापारियों को पुलिस की मार

चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय पर बाजार खुलने के समय में परिवर्तन किए जाने के बाद गुरुवार को मुख्य सब्जी मंडी में सुबह जिला प्रशासन और मंडी प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा सब्जी मंडी व्यापारियों और किसानों को उठाना पड़ा.

मंडी में किसानों व मंडी व्यापारियों को पुलिस की कठोर कार्रवाई का खामियाजा भुगतना पड़ा. पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों को खदेड़ दिया. भगदड़ में सब्जियां मंडी में ही छोड़ कर किसान भाग गए, जिससे नुकसान उठाना पड़ा है.

जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय पर स्थित मुख्य सब्जी मंडी में गुरुवार सवेरे एक अजीब स्थिति देखने को मिली. यहां सुबह 6 बजे से ही मुख्यालय के आसपास के किसान अपने सब्जी की गाड़ियों को भर कर मंडी परिसर पहुंचे. यहां पर सब्जी मंडी के थोक विक्रेताओं द्वारा उनकी सब्जियों को खरीदने का कार्य शुरू हो गया.

लेकिन कुछ ही देर बाद प्रशासन के आदेश के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देकर पुलिस ने मंडी परिसर में अपने जिंसों के तोल के समय किसानों को मंडी परिसर से बाहर जाने का आदेश दे दिया. किसानों को एक बार तो ये समझ में ही नहीं आया कि अचानक से बिना आदेश के ये क्या हो रहा है.

उसके बाद पुलिस ने कठोरतापूर्वक किसानों और व्यापारियों को अपनी अपनी दुकानें बंद करने को कहा और लाठीचार्ज कर दिया. इससे कुछ ही पलों में मंडी परिसर में सन्नाटा पसर गया.

पढ़ें: ATM लूट की योजना बनाते 8 शातिर बदमाश गिरफ्तार, कई हथियार भी बरामद

इधर, प्रशासन की इस कार्रवाई पर सब्जी मंडी थोक विक्रेताओं में आक्रोश का माहौल देखा गया. किसानों ने भी प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन उन्हें पहले इसकी सूचना दे देता तो वह अपनी सब्जियां यहां पर ले कर नहीं आते. थोक विक्रेताओं का कहना है कि प्रशासन द्वारा उन्हें मंडी नहीं खोलने की किसी भी प्रकार के आदेश प्राप्त नहीं हुए थे.

वो रोजाना की तरह अपनी दुकानें खोल कर बैठे थे कि पुलिस के जवानों ने उन्हें खरीददारी बंद करने के लिए बोल दिया. इससे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान भुगतना पड़ेगा, जो सब्जियां उन्होंने खरीदी है अब वह फेंकने पर मजबूर होना पड़ेगा.

वहीं मंडी प्रशासन का कहना है कि उन्हें भी मंडी नहीं चलाने के लिए तो ऐसा कोई आदेश कल तक नहीं मिला था. आज सवेरे ही सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के आदेश के बाद मंडी में कारोबार बंद कराया गया.

चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय पर बाजार खुलने के समय में परिवर्तन किए जाने के बाद गुरुवार को मुख्य सब्जी मंडी में सुबह जिला प्रशासन और मंडी प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा सब्जी मंडी व्यापारियों और किसानों को उठाना पड़ा.

मंडी में किसानों व मंडी व्यापारियों को पुलिस की कठोर कार्रवाई का खामियाजा भुगतना पड़ा. पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों को खदेड़ दिया. भगदड़ में सब्जियां मंडी में ही छोड़ कर किसान भाग गए, जिससे नुकसान उठाना पड़ा है.

जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय पर स्थित मुख्य सब्जी मंडी में गुरुवार सवेरे एक अजीब स्थिति देखने को मिली. यहां सुबह 6 बजे से ही मुख्यालय के आसपास के किसान अपने सब्जी की गाड़ियों को भर कर मंडी परिसर पहुंचे. यहां पर सब्जी मंडी के थोक विक्रेताओं द्वारा उनकी सब्जियों को खरीदने का कार्य शुरू हो गया.

लेकिन कुछ ही देर बाद प्रशासन के आदेश के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देकर पुलिस ने मंडी परिसर में अपने जिंसों के तोल के समय किसानों को मंडी परिसर से बाहर जाने का आदेश दे दिया. किसानों को एक बार तो ये समझ में ही नहीं आया कि अचानक से बिना आदेश के ये क्या हो रहा है.

उसके बाद पुलिस ने कठोरतापूर्वक किसानों और व्यापारियों को अपनी अपनी दुकानें बंद करने को कहा और लाठीचार्ज कर दिया. इससे कुछ ही पलों में मंडी परिसर में सन्नाटा पसर गया.

पढ़ें: ATM लूट की योजना बनाते 8 शातिर बदमाश गिरफ्तार, कई हथियार भी बरामद

इधर, प्रशासन की इस कार्रवाई पर सब्जी मंडी थोक विक्रेताओं में आक्रोश का माहौल देखा गया. किसानों ने भी प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन उन्हें पहले इसकी सूचना दे देता तो वह अपनी सब्जियां यहां पर ले कर नहीं आते. थोक विक्रेताओं का कहना है कि प्रशासन द्वारा उन्हें मंडी नहीं खोलने की किसी भी प्रकार के आदेश प्राप्त नहीं हुए थे.

वो रोजाना की तरह अपनी दुकानें खोल कर बैठे थे कि पुलिस के जवानों ने उन्हें खरीददारी बंद करने के लिए बोल दिया. इससे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान भुगतना पड़ेगा, जो सब्जियां उन्होंने खरीदी है अब वह फेंकने पर मजबूर होना पड़ेगा.

वहीं मंडी प्रशासन का कहना है कि उन्हें भी मंडी नहीं चलाने के लिए तो ऐसा कोई आदेश कल तक नहीं मिला था. आज सवेरे ही सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के आदेश के बाद मंडी में कारोबार बंद कराया गया.

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