चित्तौड़गढ़. बेगूं कस्बे में लापरवाह लोगों को सुधारने के लिए प्रशासन ने उन्हें सामाजिक शर्मिंदगी का एहसास कराने के लिए अनूठा कदम उठाया. बेवजह इधर-उधर घूमने वालों को एक जगह इकट्ठा कर उनके माथे पर टीका लगाकर आरती उतारी गई.
आरती उतार कर लापरवाह लोगों को समझाया जा रहा है कि कोरोना घातक है. गाइडलाइन का पालन करें. इसके साथ ही इन लोगों को आगे से गलती दोहराने पर दंड के लिए तैयार रहने की भी नसीहत दी गई.
हालांकि पुलिस ऐसे लोगों को खदेड़ने के साथ-साथ क्वारेंटाइन की कार्रवाई भी कर रही है. इसके बावजूद लोग बिना किसी आवश्यक कार्य के अपने घरों से बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे. ऐसे में पुलिस और प्रशासन ने लोगों को समझाने के लिए ये अनूठी पहल की.
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पुलिस ने बेगूं बस स्टैंड पर बिना काम घूमते मिले 20 लोगों को रोका. इनके लिए बकायदा एक व्यापारी थाली लेकर आया और सभी लोगों को कुमकुम का टीका लगाकर आरती उतारी गई.हाथ जोड़कर उनसे घर में ही रहने का आग्रह किया गया. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य यह था कि इन्हें सामाजिक शर्मिंदगी का अहसास करवा कर आगे के लिए नसीहत दी जा सके.
निर्माण कार्यों का निरीक्षण
कोरोना महामारी के बीच प्रशासन का ध्यान निर्माण कार्यों पर भी है. निर्माण की गुणवत्ता को परखने के लिए प्रशासनिक अधिकारी निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उसी के अंतर्गत जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञानमल खटीक ने महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत ग्राम सेमलिया, ग्राम पंचायत अमरपुरा, चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति में निर्माणाधीन पुलिया का निरीक्षण किया. निर्माणाधीन पुलिया की लागत 49.57 लाख है. मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि पूर्णिया के निर्माण हो जाने पर ग्राम पंचायत अमरपुरा एवं कनेरा घाटा के ग्रामीण लोगों को जिला मुख्यालय पर पहुंचने में 20 से 23 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी.
साथ ही कनेरा घाटा एवं ग्राम पंचायत अमरपुरा में करीब 25000 की आबादी को कम दूरी का फायदा होगा. इस प्रकार से नरेगा में सर्जित होने वाली परिसंपत्ति ग्रामीण जनों के लिए फायदेमंद होगी. निरीक्षण के दौरान जिला परिषद के अधिशासी अभियंता (नरेगा) राजेश पुंगलिया भी मौजूद थे.