चित्तौड़गढ़. कोरोना के चलते मार्च से बंद ट्रेनों का सिलसिला फिर से शुरू होने जा रहा है. उदयपुर अजमेर रेल खंड के बाद अब रतलाम चित्तौड़गढ़ खंड में भी ट्रेनों का संचालन शुरू हो रहा है. इस खंड में पहली बार इंदौर, उदयपुर ट्रेन का संचालन प्रारंभ किया गया.
बता दें, इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद इंदौर, उदयपुर ट्रेन के रूप में यह पहली ट्रेन है. इलेक्ट्रिक इंजन के बाद उदयपुर से रतलाम के बीच 30 से लेकर 45 मिनट तक का फासला कम होगा. यात्री आने जाने के दौरान अपने गंतव्य पर और भी जल्दी पहुंच पाएंगे. रेलवे बोर्ड को दो और ट्रेनों के संचालन का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसे स्वीकृति मिलते ही रेलवे मंडल इलेक्ट्रिक ट्रेन का संचालन शुरू कर देगा.
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रेलवे मंडल की ओर से जयपुर-भोपाल और जयपुर-हैदराबाद ट्रेन के संचालन का प्रस्ताव बोर्ड को भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है. रतलाम चित्तौड़गढ़ रेलवे खंड के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम 3 चरणों में मार्च में ही पूरा हो गया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते ट्रेनों का संचालन नहीं किया जा सका. जनवरी में सीएसआर की ओर से इस रेलवे खंड पर किए गए इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्य का निरीक्षण किया गया. इस दौरान 11 छोटी मोटी कमियां देखने को मिली, जिन्हें दूर करने के लिए सीएसआर की ओर से रेल मंडल को निर्देशित किया गया था. उन्हें पूरा करने के साथ ही चित्तौड़ रतलाम रेलवे खंड पर पहली बार रतलाम मंडल की ओर से इलेक्ट्रिक इंजन से उदयपुर-इंदौर ट्रेन का संचालन शुरू किया गया.
इससे पहले उदयपुर-जयपुर ट्रैक पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया था. बता दें, वर्ष 2004 तक मीटर गेज पर ट्रेनें चल रही थीं, इसके बाद रेलवे ट्रैक ब्रॉड गेज में तब्दील हुआ और अब इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद डीजल इंजन के स्थान पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया है.