चित्तौड़गढ़. जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और हालात दिन-ब-दिन गंभीर होते दिखाई दे रहे हैं. इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार की नई गाइडलाइन के बाद मंगलवार को जिला मजिस्ट्रेट केके शर्मा ने नया आदेश जारी किया. इसमें नाइट कर्फ्यू की समय सीमा बढ़ा दी गई है. वहीं अब चित्तौड़गढ़ शहर में मार्केट 8:00 बजे तक बंद कर दिए जाएंगे.
चित्तौड़गढ़ शहर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार वाकई डराने वाली है. इस महीने केवल 5 दिनों में ही रोगियों की संख्या 400 पार हो गई अर्थात औसत रूप से प्रतिदिन 80 नए रोगी सामने आ रहे हैं. जिला कलेक्टर द्वारा कल ली गई बैठक में भी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी जिला चिकित्सालय डॉ दिनेश वैष्णव ने आगामी दिनों में हालात बेकाबू होने की चेतावनी दी थी. जिला प्रशासन की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के अन्य शहरों के साथ चित्तौड़गढ़ में भी नाइट कर्फ्यू का दायरा बढ़ाते हुए मार्केट एक घंटा पहले बंद करने पर सहमति दे दी.
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इसके साथ ही जिला कलेक्टर शर्मा ने चित्तौड़गढ़ नगरिया निकाय की सीमा में कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति से मानव जीवन एवं स्वास्थ्य रक्षा पर मंडरा रहे खतरे एवं इसकी रोकथाम के लिए संक्रमण की संभावनाओं के मद्देनजर अपने पूर्व के आदेश में संशोधन करते हुए रात्रि 9:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू रखने का आदेश जारी कर दिया. वही शहर के सभी बाजार कार्यस्थल एवं व्यवसाय कॉन्प्लेक्स के बंद रखने का समय भी 9 से घटाकर 8:00 बजे कर दिया गया.
कलेक्टर के आदेश के अनुसार बाजार एवं व्यावसायिक संस्थान आदि रात्रि 8:00 बजे तक बंद करने को कहा गया है ताकि संबंधित स्टाफ एवं अन्य व्यक्ति रात्रि 9:00 बजे तक अपने घर पहुंच सकें. कर्फ्यू के दौरान जिन जिन लोगों को छूट दी गई है उन्हें कार्यस्थल पर कोविड-19 कॉल का पालन करने के लिए भी पाबंद किया गया है और उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित संस्था को सील किए जाने की चेतावनी दी गई है.
ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को मुख्यालय पर रहने के आदेश
चित्तौड़गढ़. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिला कलेक्टर केके शर्मा ने आदेश जारी कर समस्त ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को मुख्यालय पर ही रहने के लिए पाबंद किया है. वे आवश्यक होने पर विशेष या अपरिहार्य स्थिति के अलावा मुख्यालय नहीं छोड़ पाएंगे. अवकाश के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की गई है जिसके तहत आवश्यक दस्तावेज/ठोस प्रमाण प्रस्तुत करने पर अधिकतम 3 दिन के लिए अवकाश लिया जा सकेगा. इसके लिए संबंधित उपखण्ड अधिकारियों को अधिकृत किया गया है.