चित्तौड़गढ़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कल रात सेटेलाइट हॉस्पिटल में एक कार्रवाई को अंजाम दिया और एनजीओ संचालक को ₹16000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया. रिश्वत की राशि अपने ही कर्मचारी से सैलरी देने के बदले में मांगी गई थी. कर्मचारी की शिकायत पर एसीबी टीम ने उसे रिश्वत के साथ धरदबोचा है.
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सिंह संधू के अनुसार गांधीनगर सेक्टर 5 निवासी गोपाल चावला द्वारा शिकायत की गई थी. उसका कहना है कि 15 सितंबर 2022 से चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 में काम करने के लिए ज्वाइन किया था. इसके बाद से ही आसरा विकास संस्थान का संस्थापक और चाइल्ड लाइन का निदेशक उदयपुर निवासी भोजराज सिंह पदमपुरा द्वारा सैलरी नहीं दी गई. उन्होंने बताया कि एनजीओ संचालक द्वारा डेढ़ महीने की फर्जी हाजिरी और 15 दिन की वेध सैलरी बतौर रिश्वत लेना चाहता था. इसलिए उसने ₹16000 गोपाल के अकाउंट में भी जमा कराएं. यही राशि पदमपुरा रिश्वत के रूप में चाहता था. जब राशि नहीं दी तो भोजराज सिंह ने अक्टूबर-नवंबर और दिसंबर की सैलरी रुकवा दी.
इससे उदयपुर रेंज के उपमहानिरीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल को अवगत कराने के बाद रेप की कार्रवाई शुरू की गई और 5 मई को इसका सत्यापन कराया गया. जिसमें बजाज ने ₹16000 लेने के लिए गोपाल को पुराना हॉस्पिटल अर्थात सेटेलाइट हॉस्पिटल संचालित चाइल्ड लाइन ऑफिस बुलाया. मंगलवार करीब 8:30 गोपाल चावला सेटेलाइट हॉस्पिटल पहुंचा.
जैसे ही उसने भोजराज को रिश्वत की राशि ₹16000 दिया. एसीबी टीम में शामिल निरीक्षक दयालाल चौहान, हेड कांस्टेबल दलपत सिंह, ओमप्रकाश, श्यामलाल, कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, मान सिंह, कांस्टेबल आशा कुमारी, ड्राइवर शेर सिंह ने एनजीओ संचालक भोजराज सिंह को रंगे हाथ धरदबोचा और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया. गौरतलब है कि भोजराज सिंह पदमपुरा आसरा विकास संस्थान और चाइल्डलाइन के अलावा कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़ा हुआ था.