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चित्तौड़गढ़: महिला एवं बाल चिकित्सालय परिसर स्थित पालना गृह में एक बार फिर से गूंजी किलकारी

चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर महिला एवं बाल चिकित्सालय परिसर स्थित पालना गृह में बुधवार को एक नवजात बच्ची को एक अज्ञात छोड़ गया, जिसकी हालत गंभीर होने पर उसे चिकिक्सालय में भर्ती कर उसका इलाज किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि नवजात की प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई है.

Chittaurgarh news, चित्तौड़गढ़ की खबर
पालना गृह में एक बार फिर से नवजात को छोड़ा
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Published : Jan 16, 2020, 10:43 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय पर महिला एवं बाल चिकित्सालय परिसर स्थित पालना गृह में बुधवार को एक बार फिर एक अज्ञात ने नवजात शिशु को छोड़ गया. नवजात को सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उसकी हालात गम्भीर बताई जा रही है. चिकित्सक इसके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए है. वहीं मामले की जानकारी मिलने पर बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी भी चिकित्सालय पहुंचे.

पालना गृह में एक बार फिर से नवजात को छोड़ा

जानकारी में सामने आया है कि बुधवार रात्रि करीब 12 बजकर 45 मिनट पालना गृह की घंटी बजी. देर रात घंटी सुनते ही ड्यूटी पर तैनात नर्स हेमलता और लता जूनीवाल ने पालना गृह में जाकर देखा तो वहां पालने में एक नवजात बच्ची थी. जिसे देख कर दोनों नर्स ने नवजात को चिकित्सालय के कक्ष में ले जाया गया.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़: पहले चरण में 112 पंचायतों का चुनाव, मतदान दल रवाना

इसके साथ ही मामले की जानकारी ऑन ड्यूटी में उपस्थित डॉ. राजेंद्र अग्रवाल को दी. इस पर डॉ. राजेंद्र अग्रवाल ने नवजात के स्वास्थ्य की जांच की. स्थिति गंभीर होने पर नवजात को एसएनसीयू में भर्ती करवाया गया. नवजात की हालत गंभीर होने और सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उसे तुरंत सी-पेप मशीन में रखा गया.

महिला एवं बाल चिकित्सालय प्रभारी डॉ. जयसिंह मीणा ने बताया कि बालिका 34 सप्ताह गर्भ में रही. उसके बाद प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई, जिसके कारण उसका वजन केवल 1840 ग्राम में ही था. गुरुवार दोपहर तक इसकी हालत में थोड़ी सी सुधार होने के बाद उसे सी-पेप मशीन से हटा कर ऑक्सीजन में रखा गया है. फिलहाल नवजात के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है. इधर, चिकित्सालय प्रशासन से सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति की टीम जिला चिकित्सालय पहुंची और नवजात के स्वास्थय की जानकारी ली.

चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय पर महिला एवं बाल चिकित्सालय परिसर स्थित पालना गृह में बुधवार को एक बार फिर एक अज्ञात ने नवजात शिशु को छोड़ गया. नवजात को सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उसकी हालात गम्भीर बताई जा रही है. चिकित्सक इसके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए है. वहीं मामले की जानकारी मिलने पर बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी भी चिकित्सालय पहुंचे.

पालना गृह में एक बार फिर से नवजात को छोड़ा

जानकारी में सामने आया है कि बुधवार रात्रि करीब 12 बजकर 45 मिनट पालना गृह की घंटी बजी. देर रात घंटी सुनते ही ड्यूटी पर तैनात नर्स हेमलता और लता जूनीवाल ने पालना गृह में जाकर देखा तो वहां पालने में एक नवजात बच्ची थी. जिसे देख कर दोनों नर्स ने नवजात को चिकित्सालय के कक्ष में ले जाया गया.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़: पहले चरण में 112 पंचायतों का चुनाव, मतदान दल रवाना

इसके साथ ही मामले की जानकारी ऑन ड्यूटी में उपस्थित डॉ. राजेंद्र अग्रवाल को दी. इस पर डॉ. राजेंद्र अग्रवाल ने नवजात के स्वास्थ्य की जांच की. स्थिति गंभीर होने पर नवजात को एसएनसीयू में भर्ती करवाया गया. नवजात की हालत गंभीर होने और सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उसे तुरंत सी-पेप मशीन में रखा गया.

महिला एवं बाल चिकित्सालय प्रभारी डॉ. जयसिंह मीणा ने बताया कि बालिका 34 सप्ताह गर्भ में रही. उसके बाद प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई, जिसके कारण उसका वजन केवल 1840 ग्राम में ही था. गुरुवार दोपहर तक इसकी हालत में थोड़ी सी सुधार होने के बाद उसे सी-पेप मशीन से हटा कर ऑक्सीजन में रखा गया है. फिलहाल नवजात के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है. इधर, चिकित्सालय प्रशासन से सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति की टीम जिला चिकित्सालय पहुंची और नवजात के स्वास्थय की जानकारी ली.

Intro:चित्तौड़गढ़। जिला मुख्यालय पर महिला एवं बाल चिकित्सालय परिसर स्थित पालना गृह में अज्ञात एक बार फिर एक नवजात शिशु को छोड़ गए। बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उसकी हालात गम्भीर बताई जा रही है। चिकित्सक इसके स्वास्थ्य और नजर रखे हुवे हैं तो मामले की जानकारी मिलने पर बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी भी चिकित्सालय पहुंचे हैं। Body:जानकारी में सामने आया कि बुधवार रात्रि करीब 12.45 बजे पालना गृह की घंटी बजी। देर रात घंटी सुनते ही ड्यूटी पर तैनात नर्स हेमलता व लता जूनीवाल यशोदा पालना गृह में जाकर देखा। यहां पालने में नवजात बच्ची थी, जिसे देख कर दोनों नर्स ने बालिका को चिकित्सालय के कक्ष में लिया। साथ ही मामले की जानकारी ऑन ड्यूटी में उपस्थित डॉक्टर राजेंद्र अग्रवाल को दी। इस पर डॉक्टर राजेंद्र अग्रवाल ने बालिका के स्वास्थ्य की जांच की। इसकी स्थिति गंभीर लगी तो उसे एसएनसीयू में भर्ती करवा दिया। बालिका की हालत गंभीर होने और सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उसे तुरंत सी पेप मशीन में रखा गया। महिला एवं बाल चिकित्सालय प्रभारी डॉक्टर जयसिंह मीणा ने बताया कि बालिका 34 सप्ताह गर्भ में रही। उसके बाद प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई, जिसके कारण उसका वजन केवल 1840 ग्राम में ही था। गुरुवार दोपहर तक इसकी हालत में थोड़ी सी सुधार होने के बाद उसे सी पेप मशीन से हटा कर ऑक्सीजन में रखा गया। फिलहाल बालिका के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। इधर, चिकित्सालय प्रशासन से सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति की टीम जिला चिकित्सालय पहुंची। यहां चिकित्सकों से भेंट कर उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली है। Conclusion:बाइट - जयसिंह मीणा, चिकित्सक
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