श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक कथित धोखेबाज को गिरफ्तार किया है, जिसके खिलाफ 45 गैर-जमानती वारंट हैं और वह लंबे समय से गिरफ्तारी से बच रहा था. पुलिस ने आरोपी की पहचान कश्मीर के बारामुल्ला जिले के राफियाबाद के रोहामा गांव निवासी जुबैर रशीद गनी के रूप में की है.
पुलिस ने कहा, "गनी एक वॉन्टेड शख्स था और कथित तौर पर व्यापारिक लेनदेन के बहाने घाटी में कई व्यक्तियों के साथ हुई ठगी में शामिल था." पुलिस ने बताया कि उसने पैसे के लेनदेन के बहाने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी.
20 अलग-अलग अदालतों ने जारी किए 45 गैर-जमानती वारंट
पुलिस ने बताया कि गनी के खिलाफ कश्मीर की 20 अलग-अलग अदालतों ने 45 गैर-जमानती वारंट जारी किए थे, लेकिन वह लंबे समय से गिरफ्तारी से बच रहा था. पुलिस ने कहा, "यह गिरफ्तारी वांछित अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के पुलिस के चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है." इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि मामले में और जांच चल रही है.
कब जारी होता है गैर-जमानती वारंट
गैर-जमानती वारंट जघन्य अपराध में शामिल लोगों को खिलाफ जारी किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक गैर-जमानती वारंट तब तक जारी नहीं किए जाने चाहिए जब तक कि आरोपी पर जघन्य अपराध का आरोप न हो और वह कानून की प्रक्रिया से बचने या सबूतों से छेड़छाड़/नष्ट करने की संभावना न रखता हो. हालांकि गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए कोई व्यापक दिशा-निर्देश नहीं हैं.
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