इंफाल/ नई दिल्ली: मणिपुर में एक बार फिर बड़े पैमाने पर हिंसा भड़कने के बाद राज्य में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. जिरिबाम से लापता हुए लोगों के शव बरामद होने के बाद शनिवार को हिंसा भड़की. इंफाल में शनिवार दोपहर को मंत्रियों और भाजपा विधायकों के घरों को निशाना बनाया गया. इसके बाद इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया. साथ ही, कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया.
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नई दिल्ली में मणिपुर की स्थिति पर अधिकारियों के साथ बैठक की और राज्य में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. सूत्रों ने बताया कि शाह ने शीर्ष अधिकारियों को मणिपुर में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया.
अमित शाह महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियां रद्द करने के बाद दिल्ली लौटे और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ मणिपुर में स्थिति की समीक्षा की और उन्हें शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया.
NPP (National People's Party) withdraws its support to the N. Biren Singh-led Government in Manipur with immediate effect. pic.twitter.com/iJ8VpPxWD2
— ANI (@ANI) November 17, 2024
उन्होंने बताया कि गृह मंत्री शाह सोमवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ फिर बैठक करेंगे, जिसके बाद आगे के कदम उठाए जाएंगे.
गौरतलब है कि मणिपुर में एक साल से अधिक समय से जातीय हिंसा की चपेट में है. इस बीच, महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद विरोध प्रदर्शन और हिंसा के कारण स्थिति और खराब हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि हिंसक भीड़ ने इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में वरिष्ठ मंत्री समेत तीन और भाजपा विधायकों और एक कांग्रेस विधायक के आवासों में आग लगा दी.
इसके अलावा भीड़ ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर धावा बोलने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उसे नाकाम कर दिया.
एनपीपी ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस लिया
उधर, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने ताजा हिंसा के बाद मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की ओर से रविवार को जारी एक पत्र में कहा गया है, "हमें दृढ़ता से लगता है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है."
सीएम संगमा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा, "मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है."
बता दें कि मणिपुर विधानसभा में एनपीपी के सात विधायक हैं. हालांकि, एनपीपी के समर्थन वापस लेने से भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में भाजपा के 37 विधायक हैं.
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