चित्तौड़गढ़. गंगरार थाना पुलिस ने नाकाबन्दी के दौरान वन अधिनियम के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 122 क्विंटल 85 किलो खैर की लकड़ी पकड़ी है. जिसका अनुमानित मूल्य 6 लाख रुपए बताया जा रहा है. मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. प्रारम्भिक रूप से खैर की लकड़ी हरियाणा की गुटखा फैक्ट्रियों में ले जाने की बात सामने आई है.
चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि गंगरार थानाधिकारी शिवलाल मीणा के नेतृत्व में सोमवार को जाब्ते ने डेट चौराहे पर नाकाबंदी शुरू की. इस दौरान चित्तौड़गढ़- भीलवाड़ा हाइवे पर चित्तौड़गढ़ की ओर से एक ट्रक आया, जिसे हाथ का इशारा देकर रुकवाया गया. ट्रक से चालक राम रतन निवासी फिरोजाबाद उत्तरप्रदेश और खलासी परवेज फिरोजाबाद उत्तरप्रदेश को पकड़ा. पुलिस ने ट्रक के ऊपर लगे तिरपाल को हटा कर तलाशी ली तो उसमें गीली खैर की लकड़ियों के गट्ठे मिले.
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इस पर वन विभाग के गंगरार नाका प्रभारी सहायक वनपाल रामलाल भील को मौके पर बुलाया. जिसने जांच कर लकड़ियों को अवैध प्रतिबंधित खैर की गीली लकड़ी बताया. अवैध रूप से खैर की 122 क्विंटल 85 किलोग्राम लकड़ियां बरामद हुई हैं. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपियों ने खेर की लकड़ी जंगल व खेतों से काट कर लाने तथा पान मसाला, कत्था और गुटखा बनाने वाली फैक्ट्रियों में ले जाने की बात स्वीकार की है. आरोपित यहां से लकड़ी खरीद कर हरियाणा की तरफ ले जाकर मंहगे दाम में बेचते हैं.