जैसलमेर: जिले में फर्जी रूप से संचालित हो रही निजी चिकित्सालयों को लेकर लम्बे समय से मिल रही शिकायतों के बाद आखिरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेंद्र कुमार पालीवाल के नेतृत्व में विभाग की टीम ने बुधवार को जैसलमेर जिले के फलसूंड क्षेत्र में स्थित निजी चिकित्सालयों का राजस्थान नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण एवं विनियमन) नियम 2013 एवं नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण एवं विनियमन) अधिनियम 2010 के अन्तर्गत निरीक्षण किया गया.
सीएमएचओ राजेन्द्र पालीवाल ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जिले के फलसूंड क्षेत्र के 6 निजी चिकित्सालयों का निरीक्षण किया गया, जिनमें रोशन हॉस्पिटल, अक्षा हॉस्पिटल एवं पंचकर्म सेंटर, जय भवानी हॉस्पिटल, मेट्रो हॉस्पिटल, मेंहर हॉस्पिटल व जोधपुर हॉस्पिटल का नाम शामिल है. इस दौरान चिकित्सालय संचालकों के पास वैध पंजीकरण प्रमाण-पत्र एवं योग्यताधारी कार्मिकों के मौके पर उपस्थित नहीं होने के कारण संबंधित सभी 6 संस्थानों को नोटिस जारी कर दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए पाबंद किया गया है.
उन्होंने बताया कि फलसूंड स्थित गुजरात हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर को मां बाउचर योजना के क्रियांवयन में लापरवाही बरतने पर नोटिस जारी किया गया. इसके अलावा सीएमएचओ पालीवाल द्वारा ग्राम रासला के हेल्थ केयर क्लीनिक के निरीक्षण के दौरान वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र व योग्यता धारी कार्मिकों के मौके पर नहीं होने के कारण क्लिनिक को सील किया गया.
निरीक्षण के दौरान डीपीसी विक्रम सिंह चंपावत व हीरालाल भी उपस्थित थे. वहीं, सीएमएचओ ने कहा कि विभाग आमजन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. ऐसे में इस प्रकार के फर्जी चिकित्सालयों व विभागीय नियमों का पालन नहीं करने वाले चिकित्सालयों के खिलाफ विभाग द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.