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चितौड़गढ़ में कांग्रेस का प्रदर्शन, पूर्व विधायक ने कहा- केंद्र सरकार चुनी हुई सरकार को गिराने की कर रही साजिश

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Published : Jul 25, 2020, 7:05 PM IST

राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच शनिवार को चित्तौड़गढ़ में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि बीजेपी, गहलोत सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रच रही है. फिलहाल, कांग्रेसियों के इस प्रदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ती नजर आई.

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कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

चित्तौड़गढ़. प्रदेश में चल रहे सियासी घटनाक्रम और राजभवन में सरकार के विधायकों के धरने के बाद प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर चितौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर धरना देकर प्रदर्शन किया गया. जिला कांग्रेस कमेटी के बैनर तले आयोजित धरने में बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे. धरने के बाद कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की और जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा.

इससे पहले धरने को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत ने कहा कि केन्द्र सरकार, चुनी हुई सरकारों को गिराने की साजिश कर रही है. राजस्थान से पहले मध्य प्रदेश, मणिपुर, गोवा और कर्नाटक जैसे राज्यों में विधायकों की खरीद-फरोख्त कर लोकतंत्र की हत्या करने का कुकृत्य केन्द्र सरकार और भाजपा के नेता कर चुके हैं. लेकिन राजस्थान की धरती वीरों की धरती है और यहां कांग्रेस के मुखिया जन-जन के नेता अशोक गहलोत हैं. इस मौके पर उन्होंने सचिन पायलट और उनके साथी नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्हें मीर जाफर की संज्ञा दी और कहा कि मीर जाफरों के खिलाफ राजस्थान की जनता उठ खड़ी हुई है. बागी विधायकों को भी सलाह दी कि वह इनके छलावें में न आएं और सरकार का समर्थन कर आमजन को राहत देने वाली कांग्रेस के साथ खड़े रहें.

यह भी पढ़ेंः जयपुर मुख्यालय पर कांग्रेस का धरना प्रदर्शन, पायलट के खिलाफ भी लहराए पोस्टर

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी प्रदेश की गहलोत सरकार ने देश में सबसे उत्कृष्ठ कार्य किया है. लेकिन ऐसी आामजन को राहत देने वाली सरकार को गिराने का कुकृत्य किया जा रहा है. इस मौके पर पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी ने भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा के नेता और केन्द्र की भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या करने में लगी है. धरने को नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा, निम्बाहेड़ा के ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पुरूषोत्तम झंवर, चित्तौडगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष प्रेम प्रकाश मूंदड़ा, त्रिलोक जाट, कपासन के भैरूलाल चौधरी, दिलीप नेभनानी सहित अन्य पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया.

इस मौके पर निम्बाहेड़ा पालिकाध्यक्ष सुभाष शारदा, पूर्व पालिकाध्यक्ष रमेश नाथ, पूर्व सभापति गीतादेवी योगी, करण सिंह सांखला, पूर्व विधायक शंकर लाल बैरवा, नगेन्द्र सिंह राठौड़, पूर्व युवक कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद सिसोदिया, युवक कांग्रेस अध्यक्ष नवीन तंवर सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. धरने का संचालन अहसान पठान ने किया.

यह भी पढ़ेंः दौसा में कांग्रेस का प्रदर्शन, बीजेपी पर लगाया गहलोत सरकार को गिराने का आरोप

वहीं कांग्रेस सरकार पर चल रहे संकट के दौरान दिए गए धरने में कांग्रेस के कई प्रमुख पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता नहीं पहुंचे जो चर्चा का विषय रहा. कांग्रेस जिलाध्यक्ष स्वयं मांगीलाल धाकड़ भी धरने पर नहीं पहुंचे. मांगीलाल धाकड़ सचिन पायलट गुट से माने जाते हैं, जबकि कांग्रेस से कपासन से चुनाव लड़े आनन्दीराम खटीक भी धरने पर नहीं पहुंचे. धरना स्थल पर यह भी चर्चा रही कि सचिन पायलट के गुट द्वारा धरने पर नहीं पहुंचने के भी निर्देश दिए थे. कुछ लोगों का कहना था कि सचिन पायलट गुट द्वारा सभी जिलों पर लगाए जा रहे धरने में नहीं जाने के लिए निर्देश दिया गया था और सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कई ग्रुपों में धरना स्थगित किए जाने के भी संदेश चलाए जाने की चर्चा रही. इधर आनन्दी राम खटीक, मांगी लाल धाकड़ सहित पार्षद नीतू कंवर भाटी और पायलट गुट से जुड़े अन्य लोगों के नहीं पहुंचने पर कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में कई तरह की चर्चाएं रहीं.

चित्तौड़गढ़. प्रदेश में चल रहे सियासी घटनाक्रम और राजभवन में सरकार के विधायकों के धरने के बाद प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर चितौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर धरना देकर प्रदर्शन किया गया. जिला कांग्रेस कमेटी के बैनर तले आयोजित धरने में बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे. धरने के बाद कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की और जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा.

इससे पहले धरने को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत ने कहा कि केन्द्र सरकार, चुनी हुई सरकारों को गिराने की साजिश कर रही है. राजस्थान से पहले मध्य प्रदेश, मणिपुर, गोवा और कर्नाटक जैसे राज्यों में विधायकों की खरीद-फरोख्त कर लोकतंत्र की हत्या करने का कुकृत्य केन्द्र सरकार और भाजपा के नेता कर चुके हैं. लेकिन राजस्थान की धरती वीरों की धरती है और यहां कांग्रेस के मुखिया जन-जन के नेता अशोक गहलोत हैं. इस मौके पर उन्होंने सचिन पायलट और उनके साथी नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्हें मीर जाफर की संज्ञा दी और कहा कि मीर जाफरों के खिलाफ राजस्थान की जनता उठ खड़ी हुई है. बागी विधायकों को भी सलाह दी कि वह इनके छलावें में न आएं और सरकार का समर्थन कर आमजन को राहत देने वाली कांग्रेस के साथ खड़े रहें.

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उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी प्रदेश की गहलोत सरकार ने देश में सबसे उत्कृष्ठ कार्य किया है. लेकिन ऐसी आामजन को राहत देने वाली सरकार को गिराने का कुकृत्य किया जा रहा है. इस मौके पर पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी ने भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा के नेता और केन्द्र की भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या करने में लगी है. धरने को नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा, निम्बाहेड़ा के ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पुरूषोत्तम झंवर, चित्तौडगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष प्रेम प्रकाश मूंदड़ा, त्रिलोक जाट, कपासन के भैरूलाल चौधरी, दिलीप नेभनानी सहित अन्य पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया.

इस मौके पर निम्बाहेड़ा पालिकाध्यक्ष सुभाष शारदा, पूर्व पालिकाध्यक्ष रमेश नाथ, पूर्व सभापति गीतादेवी योगी, करण सिंह सांखला, पूर्व विधायक शंकर लाल बैरवा, नगेन्द्र सिंह राठौड़, पूर्व युवक कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद सिसोदिया, युवक कांग्रेस अध्यक्ष नवीन तंवर सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. धरने का संचालन अहसान पठान ने किया.

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वहीं कांग्रेस सरकार पर चल रहे संकट के दौरान दिए गए धरने में कांग्रेस के कई प्रमुख पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता नहीं पहुंचे जो चर्चा का विषय रहा. कांग्रेस जिलाध्यक्ष स्वयं मांगीलाल धाकड़ भी धरने पर नहीं पहुंचे. मांगीलाल धाकड़ सचिन पायलट गुट से माने जाते हैं, जबकि कांग्रेस से कपासन से चुनाव लड़े आनन्दीराम खटीक भी धरने पर नहीं पहुंचे. धरना स्थल पर यह भी चर्चा रही कि सचिन पायलट के गुट द्वारा धरने पर नहीं पहुंचने के भी निर्देश दिए थे. कुछ लोगों का कहना था कि सचिन पायलट गुट द्वारा सभी जिलों पर लगाए जा रहे धरने में नहीं जाने के लिए निर्देश दिया गया था और सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कई ग्रुपों में धरना स्थगित किए जाने के भी संदेश चलाए जाने की चर्चा रही. इधर आनन्दी राम खटीक, मांगी लाल धाकड़ सहित पार्षद नीतू कंवर भाटी और पायलट गुट से जुड़े अन्य लोगों के नहीं पहुंचने पर कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में कई तरह की चर्चाएं रहीं.

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