चित्तौड़गढ़. रविवार को सुबह 9:00 बजे से तीनों ही उपखंड मुख्यालयों पर मतगणना शुरू हो गई और 10:00 बजे तक रुझान आने शुरू हो गए. इस दौरान तक दोनों ही दलों के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी. वहीं दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों के बीच मतों का अंतराल भी अधिक नहीं था. ऐसे में पूर्व अनुमान लगाना भी मुश्किल हो रहा था. दोपहर 12:00 बजे तक तीनों ही नगर पालिकाओं की तस्वीर साफ हो गई. भारतीय जनता पार्टी के लिए यह झटका साबित हुई.
पार्टी बेगूं में अपना बोर्ड नहीं बचा पाई और बड़ी सादड़ी नगर पालिका भी उसके हाथ से जाती रही. निर्वाचन विभाग के अनुसार बड़ी सादड़ी में कुल 25 वार्डों में से बीजेपी मात्र 10 सीटें जीत पाई. वहीं कांग्रेस 14 सदस्यों के साथ बहुमत में आ गई. यहां पर एक वार्ड निर्दलीय भी जीतने में कामयाब रहा.
अब यदि बेगूं पर नजर डालें तो यहां पर भी कांग्रेस फायदे में रही और 25 में से 15 सीटें जीत ली. जबकि बीजेपी 8 सीटों पर सिमट गई. वहीं 2 सीटें निर्दलीयों के खाते में गई. इसी प्रकार कपासन की बात करें तो कांग्रेस 11 और बीजेपी के 12 प्रत्याशी जितने में सफल रहे. वहीं भारतीय जनता पार्टी के ही दो बागी भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
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हालांकि कपासन में बीजेपी कांग्रेस के मुकाबले संख्या बल के हिसाब से आगे दिख रही है लेकिन यहां पर निर्दलीय भी काफी हद तक गणित बनाते नजर आ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष पद के आधा दर्जन से अधिक दावेदार हैं जबकि कांग्रेस फिलहाल भारतीय जनता पार्टी में होने वाली उठापटक पर नजर बनाए हुए हैं. कांग्रेस का एक नकारात्मक बिंदु यह सामने आ रहा है कि यहां पर भी पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है. पंचायत समिति प्रधान भैरूलाल चौधरी का खासा दबदबा माना जा रहा है.
उनके गुट के 9 सदस्य चुनाव जीत कर आए हैं. वहीं आनंदी राम खटीक महज अपने 2 समर्थकों को ही जिताने में कामयाब हो पाए. इन दोनों की फूट पर भारतीय जनता पार्टी भी नजर बनाए हुए हैं. फिलहाल दोनों ही पार्टियों के जीतने वाले प्रत्याशी बाड़ेबंदी में हैं. चुनाव परिणाम आने के साथ ही दोनों ही पार्टियों के नेता जोड़-घटाव में जुट गए हैं.