चित्तौड़गढ़. आबकारी विभाग की ओर से मंगलवार को जिले के सावा क्षेत्र में स्थित शराब की दुकान के लिए लॉटरी निकालने की प्रक्रिया हुई. इसमें प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. लॉटरी निकाले जाने के बाद काफी दिनों से बंद पड़ी शराब की दुकान शुरू हो सकेगी और आबकारी विभाग की आय में वृद्धि होगी.
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गौरतलब है कि साल 2020 के लिए आबकारी नीति जारी हुई थी. इसके लिए चित्तौड़गढ़ में देसी और अंग्रेजी शराब की दुकानों के लिए लॉटरी निकली गई थी. चितौड़गढ़ मे 168 देसी शराब की दुकानें हैं. इनमें से एक ठेकेदार ने राशि जमा नहीं कराई थी. ऐसे में आबकारी विभाग की ये दुकान नहीं खुल सकी थी.
आबकारी विभाग ने नियमानुसार दुकान का आवेदन निरस्त कर दिया था. इस दुकान के लिए फिर से लॉटरी निकाली जानी थी. लेकिन, कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते लॉकडाउन होने से लॉटरी की प्रक्रिया नहीं हो पाई. वहीं, अब अनलॉक के दौरान आवेदन आमंत्रित किए गए. इस लॉटरी प्रक्रिया में आबकारी विभाग के अलावा प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी आमंत्रित थे.
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जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि के तौर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कलाल और पुलिस अधीक्षक के प्रतिनिधि के तौर पर पुलिस उप अधीक्षक अमित सिंह लॉटरी प्रक्रिया में पहुंचे थे. साथ ही जिला आबकारी अधिकारी रेखा माथुर के अलावा आबकारी विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे. अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कलाल और पुलिस उप अधीक्षक अमित सिंह ने लॉटरी निकाली.
सावा गांव के लिए निकाली गई शराब की दुकान के लिए कुल तीन आवेदन आए थे. ऐसे में अधिकरियों ने लॉटरी के लिए डिब्बे में 3 पर्चियां ही डाली थी. इसमें पहली पर्ची चंद्रशेखर जायसवाल के नाम खुली है. वहीं, पहली रिजर्व हेमलता और दूसरी रिजर्व आशीष गुप्ता के नाम लॉटरी खुली है. नयी लॉटरी खुलने के बाद ठेकेदार अगर पैसे जमा करवाता है तो उसे दुकान खोलने की अनुमति मिलेगी, नहीं तो रिजर्व को मौका मिलेगा.