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सिलेंडर विस्फोट: पति-पत्नी और मां की एक साथ उठी अर्थी, नम हुईं हर किसी की आंखें

चित्तौड़गढ़ के प्रतापनगर कॉलोनी में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसके चलते पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा था कि कॉलोनी के एक घर में सुबह 3 बजे के आसपास घर में रखे गैस सिलेंडर से भीषण विस्फोट हो गया, जिसके कारण घर की छत ढह गई और कमरे में सो रहे परिवार के दो सदस्यों की मौत हो गई, जबकि एक की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई. वहीं शाम को पोस्टमार्टम के बाद तीनों के शव बड़े भाई जगदीश के यहां लाए गए, जहां से तीनों की अर्थी साथ रवाना हुई.

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नम हुईं हर किसी की आंखें
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Published : Mar 19, 2021, 8:27 PM IST

चित्तौड़गढ़. शहर के प्रतापनगर में मिठारामजी का खेड़ा से शुक्रवार दोपहर एक साथ तीन अर्थियां निकलीं तो हर किसी की आंखे नम हो गईं. पति, पत्नी और मां तीनों की अर्थी एक साथ निकली. अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. वहीं आस-पड़ोस के लोग रात को हुए हादसे से घबराए नजर आ रहे हैं. तेज धमाके ने पड़ोसियों की नींद उड़ा दी थी. नींद में होने के कारण एक बारगी तो लोग समझ नहीं पाए कि क्या हुआ. बाद में चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे और मंजर देखा तो सिहर उठे.

नम हुईं हर किसी की आंखें

बता दें कि, जिस मकान में हादसा हुआ, वह मकान पुरुषोत्तम (32) पुत्र स्वर्गीय हीरालाल भांबी का है. हादसे में पुरुषोत्तम, पुरुषोत्तम की पत्नी जमना देवी (30) और इसकी माता सजनी बाई (62) की मौत हो गई. हादसे में पुरुषोत्तम का पुत्र जयदीप (11), पुत्री भूमि (13), छोटा भाई उमेश (30) और साढू का पुत्र सूरज (16) घायल हुए हैं, जिन्हें उदयपुर रेफर किया गया है. सूरज 5 दिन पहले ही मौसी-मौसा के पास आया था. वहीं छोटा भाई उमेश अविवाहित होकर बड़े भाई पुरुषोत्तम के पास ही रह रहा है. हादसे के बाद पूरा परिवार गम में डूब गया.

यह भी पढ़ें: चित्तौड़गढ़ सिलेंडर विस्फोट: मृतकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता की घोषणा, CM ने जताया दुख

जानकारी मिली है कि पुरुषोत्तम का सबसे बड़ा भाई जगदीश अलग रहता है. वहीं हादसे के बाद तीनों के शव जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाए गए. यहां पुलिस ने दुर्घटना का मामला दर्जकर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया. तीनों के शव बड़े भाई जगदीश के यहां लाए गए, जहां से तीनों की अर्थी साथ रवाना हुई. अंतिम यात्रा में शामिल सभी की आंखों से आंसू बह निकले तो वहीं परिजनों और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था. तीनों की अर्थी डाइट मार्ग स्थित मोक्षधाम पहुंची, जहां तीनों के शव के अंतिम संस्कार किए गए. वहीं बताया जा रहा है कि पुरुषोत्तम पहले मेडिकल पर काम करता था. वहीं तीन महीने पहले ही सेंती में इसने खुद का मेडिकल खोला था.

यह भी पढ़ें: चित्तौड़गढ़ : गैस रिसाव के बाद सिलेंडर में विस्फोट, छत की पट्टियों के नीचे दबने से 3 की मौत

पड़ोसी बोले, नींद में धमाके से पलंग से उछल गए

इधर, पुरुषोत्तम के मकान से करीब 50 कदम की दूरी पर रहने वाले पड़ोसी हरीश ओड़वानी ने बताया, धमाके से हर कोई सिहर उठा था. रात करीब 3 बजकर 12 मिनट पर यह हादसा हुआ था. धमाके की आवाज से नींद में पलंग से उछल गया. खिड़की से देखा तो धुंआ हो रहा था, ऐसा लगा कि पास के मोहल्ले में आग लगी है. लेकिन जब चीख-पुकार सुनाई दी तो पता चला कि सामने ही हादसा हुआ है.

यह भी पढ़ें: चित्तौड़गढ़ सिलेंडर विस्फोट: रेगुलेटर वाल्व में मिला लीकेज, रिसाव होकर मकान में फैली थी गैस

मौके पर जाकर देखा तो मलबे में पुरुषोत्तम के परिवार के सदस्य दबे हुए थे. अन्य पड़ोसी भी आ गए. करीब 3 बजकर 17 मिनट पर पुलिस कंट्रोल रूम सूचना दी. पांच मिनट में ही पुलिस आ गई थी. आस-पड़ोस के लोगों ने मलबे से इन्हें निकाला. इनमें दो की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक ने हॉस्पिटल ले जाते समय दम तोड़ दिया.

चित्तौड़गढ़. शहर के प्रतापनगर में मिठारामजी का खेड़ा से शुक्रवार दोपहर एक साथ तीन अर्थियां निकलीं तो हर किसी की आंखे नम हो गईं. पति, पत्नी और मां तीनों की अर्थी एक साथ निकली. अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. वहीं आस-पड़ोस के लोग रात को हुए हादसे से घबराए नजर आ रहे हैं. तेज धमाके ने पड़ोसियों की नींद उड़ा दी थी. नींद में होने के कारण एक बारगी तो लोग समझ नहीं पाए कि क्या हुआ. बाद में चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे और मंजर देखा तो सिहर उठे.

नम हुईं हर किसी की आंखें

बता दें कि, जिस मकान में हादसा हुआ, वह मकान पुरुषोत्तम (32) पुत्र स्वर्गीय हीरालाल भांबी का है. हादसे में पुरुषोत्तम, पुरुषोत्तम की पत्नी जमना देवी (30) और इसकी माता सजनी बाई (62) की मौत हो गई. हादसे में पुरुषोत्तम का पुत्र जयदीप (11), पुत्री भूमि (13), छोटा भाई उमेश (30) और साढू का पुत्र सूरज (16) घायल हुए हैं, जिन्हें उदयपुर रेफर किया गया है. सूरज 5 दिन पहले ही मौसी-मौसा के पास आया था. वहीं छोटा भाई उमेश अविवाहित होकर बड़े भाई पुरुषोत्तम के पास ही रह रहा है. हादसे के बाद पूरा परिवार गम में डूब गया.

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जानकारी मिली है कि पुरुषोत्तम का सबसे बड़ा भाई जगदीश अलग रहता है. वहीं हादसे के बाद तीनों के शव जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाए गए. यहां पुलिस ने दुर्घटना का मामला दर्जकर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया. तीनों के शव बड़े भाई जगदीश के यहां लाए गए, जहां से तीनों की अर्थी साथ रवाना हुई. अंतिम यात्रा में शामिल सभी की आंखों से आंसू बह निकले तो वहीं परिजनों और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था. तीनों की अर्थी डाइट मार्ग स्थित मोक्षधाम पहुंची, जहां तीनों के शव के अंतिम संस्कार किए गए. वहीं बताया जा रहा है कि पुरुषोत्तम पहले मेडिकल पर काम करता था. वहीं तीन महीने पहले ही सेंती में इसने खुद का मेडिकल खोला था.

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पड़ोसी बोले, नींद में धमाके से पलंग से उछल गए

इधर, पुरुषोत्तम के मकान से करीब 50 कदम की दूरी पर रहने वाले पड़ोसी हरीश ओड़वानी ने बताया, धमाके से हर कोई सिहर उठा था. रात करीब 3 बजकर 12 मिनट पर यह हादसा हुआ था. धमाके की आवाज से नींद में पलंग से उछल गया. खिड़की से देखा तो धुंआ हो रहा था, ऐसा लगा कि पास के मोहल्ले में आग लगी है. लेकिन जब चीख-पुकार सुनाई दी तो पता चला कि सामने ही हादसा हुआ है.

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मौके पर जाकर देखा तो मलबे में पुरुषोत्तम के परिवार के सदस्य दबे हुए थे. अन्य पड़ोसी भी आ गए. करीब 3 बजकर 17 मिनट पर पुलिस कंट्रोल रूम सूचना दी. पांच मिनट में ही पुलिस आ गई थी. आस-पड़ोस के लोगों ने मलबे से इन्हें निकाला. इनमें दो की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक ने हॉस्पिटल ले जाते समय दम तोड़ दिया.

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