चित्तौड़गढ़. कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर जमीन हड़पने का एक मामला कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज किया गया है. फरियादी की रिपोर्ट के अनुसार दस्तावेजों में हस्ताक्षर पाए गए, जबकि वह अनपढ़ है और अंगूठा लगाती है. गत महीने उसने कोतवाली पुलिस को रिपोर्ट भी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होते देख जिला पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची और उनके समक्ष अपनी व्यथा रखी.
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर आखिरकार पुलिस ने चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति के पूर्व प्रधान राजपुरिया गांव निवासी जगदीश चंद्र पुत्र नानूराम सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया. शहर के उदयपुर रोड स्थित सेती निवासी पारी बाई पति काशीराम धाकड़ द्वारा इस संबंध में पुलिस अधीक्षक के समक्ष परिवाद पेश किया गया था.
कोतवाली में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार उसके नाम राजपुरिया पटवारी हल्के के एराल गांव में 5.1 हेक्टेयर भूमि दर्ज है, जिसमें से वह एक चौथाई हिस्से की मालिक है और राजस्व खाते में भी दर्ज है.
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फरियादी का आरोप है कि जमीन के बंटवारे के लिए उसने आरोपी संजय मोड को पेड़ पर के लिए नियुक्त किया था, लेकिन जगदीश चंद्र ने अपने पुत्र दीपक, गांव के ही बाबूलाल पुत्र भेरूलाल, बंशीलाल पुत्र भैरूलाल, रामचंद्र पुत्र भेरूलाल तथा संजय के साथ मिलकर जमीन हड़पने का षड्यंत्र रचा और राजस्व लोक अदालत शिविर के दौरान उसके फर्जी हस्ताक्षर कर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर लिए और न्यायालय सहायक कलेक्टर एवं उपखंड अधिकारी के बाद में गलत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर दिया, जबकि भारतीय हस्ताक्षर करना नहीं जानती और सिर्फ अंगूठे की निशानी करती है. फिलहाल कोतवाली पुलिस ने प्रकरण दर्ज करते हुए अनुसंधान प्रारंभ कर दिया.