चित्तौड़गढ़. जिले के वन सम्पदाओं में खैर का पेड़ महत्वपूर्ण है, लेकिन दिल्ली, हरियाणा, गुडगांव की गुटखा फैक्ट्रियों में इसकी मांग होने के कारण खैर की लकड़ी तस्करों के निशाने पर आ गई है. यही कारण है कि जिले से लगातार खैर की लकड़ी की तस्करी हो ही है. इसकी तस्करी में जुटे लोग चोरी-छीपे और मिली भगत से पेड़ काट कर परिवहन कर रहे हैं.
गत दिनों चित्तौडग़ढ़ पुलिस की विशेष टीम के अलावा सीआईडी सीबी तक खेर की लकड़ी को पकड़ चुकी है. लेकिन वन सम्पदा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार वन विभाग मौन बैठा हुआ है. वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि राजस्व भूमि (रैवन्यू लैंड) से खेर के पेड़ काटे जा रहे हैं. वन क्षेत्र में खेर के पेड़ सुरक्षित है. वहीं इन दिनों कार्रवाई करने वाले अधिकारी चित्तौडग़ढ़ वन क्षेत्र से ही खेर की लकड़ी परिवहन की बात कह रहे हैं.
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जानकारी के अनुसार एक पखवाड़े की अवधि में जिला विशेष टीम ने कार्रवाई करते हुए डूंगला और निकुंभ से बड़ी मात्रा में खेर की लकड़ी पकड़ी थी. वहीं निकुंभ क्षेत्र से ही चंदन की लकड़ी पकड़ी है. इसके बाद सीआईडी सीबी की टीम भी बस्सी थाना क्षेत्र में खेर की लकड़ी से भरा ट्रक पकड़ा था. वहीं सोमवार को भी भीलवाड़ा की रायला थाना पुलिस ने 90 क्विंटल खेर की लकड़ी पकड़ी, जो चित्तौडग़ढ़ वन क्षेत्र से काटी गई थी.
सभी कार्रवाई में इस बात का खुलासा हुआ कि दिल्ली और हरियाणा की गुटखा फैक्ट्रियों में यह खेर की लकड़ी तस्करी कर ले जाई जा रही थी, तो वहीं इसे चित्तौड़गढ़ वन क्षेत्र से लाया गया था. एक तरफ जहां पुलिस और सीआईडी सीबी की टीम लगातार खेर की लकड़ी का अवैध परिवहन रोकने में जुटा हैं. वहीं वन सुरक्षा के लिए जिम्मेदार महकमा चुप्पी साधे बैठा हुआ है.
वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की-
वन विभाग की ओर से इन दिनों कोई कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन पूर्व के समय में कार्रवाई का दावा किया जा रहा है. बड़ी बात यह है कि वन विभाग के अधिकारी वन क्षेत्र को नुकसान नहीं होने की बात कहते हुए राजस्व क्षेत्रों से खेर की लकड़ी की तस्करी होने की बात कह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं.
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ऐसे में सवाल यह है कि लगातार हो रही कार्रवाई में बड़ी मात्रा में लकड़ी पकड़ी गई है. यह मात्रा इतनी है कि राजस्व भूमि से इतने पेड़ काटना संभव नहीं है. वन विस्तार और वन संरक्षण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का यह रवैया जिले की वन संपदा के लिए घातक सिद्ध हो रहा है. कहीं ना कहीं वन विभाग का उदासिन रवैया तस्करों से मिली भगत की ओर इशारा करता है.
गुटखे का व्यापार तेजी से फैल रहा है-
इसका कारण यह है कि पान मसाला और गुटखे का व्यापार तेजी से फैल रहा है और इसमें सबसे अधिक मांग ही खेर की लकड़ी की है. जानकारी में सामने आया कि चित्तौडग़ढ़ वन्य जीव कार्यालय वन संरक्षण के तहत 1 लाख 80 हजार स्क्वायर मीटर वन क्षेत्र हैं. कार्यालय की ओर से सितम्बर 2018 से अब तक वन अधिनियम में 16 बड़ी कार्रवाई कर 16 वाहन जप्त किए हैं.
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वहीं पुलिस की ओर से एक माह में ही चार बड़ी कार्रवाई कर दी गई है. वन विभाग के अधिकारी स्टाफ कम होने की बात भी कह रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि नियमानुसार प्रति 7 किलोमीटर पर एक गार्ड के हिसाब से 250 गार्ड होने चाहिए. लेकिन कुल पद ही 227 हैं, जिनमें से भी 110 ही कार्यरत हैं. वहीं गार्ड के 75 प्रतिशत पद रिक्त चल रहे हैं.