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अतिक्रमण अभियान के नाम पर छीना रोजगार, कोरोना काल में हुए बेरोजगार

चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा नगर पालिका क्षेत्र में हाथ ठेला और थड़ी लगाने वालों को नगरपालिका ने बेरोजगार कर दिया है. इसको लेकर सोमवार को बेरोजगार हुए हाथ ठेला और थड़ी संचालकों ने नगरपालिका परिसर में एकत्र होकर धरना प्रदर्शन किया. ठेलेवालों ने हाथों में 'हमे रोजगार दो' की तख्तियां लेकर रोजगार की मांग की.

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बेरोजगार ठेला संचालकों ने नगरपालिका से की रोजगार की मांग
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Published : Oct 19, 2020, 9:51 PM IST

चित्तौड़गढ़. कोरोना काल में राज्य और केंद्र सरकार का प्रयास रहा है कि कोई भूखा नहीं सोए और किसी का रोजगार नहीं छिने. ऐसे में जिले के निम्बाहेड़ा नगरपालिका क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के कारण हाथ ठेला और थड़ी लगाने वालों को रोजगार छिन गया है. ऐसे में बेरोजगार हुए हाथ ठेला और थड़ी संचालकों ने सोमवार को प्रदर्शन कर नगरपालिका से रोजगार की मांग की है.

बेरोजगार ठेला संचालकों ने नगरपालिका से की रोजगार की मांग

जानकारी के अनुसार जिले में जन जीवन पहले की तरह सामान्य नहीं हुआ है और कोरोना का असर लोगों के जीवन पर साफ दिखाई दे रहा है. थड़ी कारोबारियों का आरोप है कि निम्बाहेड़ा नगरपालिका की ओर से कोरोना काल में अतिक्रमण के नाम पर हाथ ठेला, गुमटी और सड़क किनारे बैठ कर व्यवसाय करने वालों के मुंह से निवाला छीन कर इन्हें बेरोजगार करने का काम किया गया है.

करीब एक माह से नगर में ठेला व्यवसायी बेरोजगार हैं. इनके परिवार के लोग भूखे मर रहे हैं. बेरोजगारी से परेशान इन लोगों ने सोमवार को नगरपालिका परिसर में धरना दिया. इन्होंने हाथों में ''हमें रोजगार दो'' की तख्तियां लगा कर प्रदर्शन किया. सभी बेरोजगार हुए महिला-पुरुष नगरपालिका में एकत्रित हुए और धरना देकर रोजगार की मांग की.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ः लूट और चोर गिरोह का खुलासा, 6 गिरफ्तार

इस दौरान कई व्यवसायी हाथों में रोजगार के मांग की तख्तियां लिए थे. प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर पालिका के कर्मचारियों ने प्रदर्शनकारियों से समझाइश का भी प्रयास किया. गौरतलब है कि निम्बाहेड़ा नगरपालिका में कांग्रेस का बोर्ड है और अध्यक्ष सुभाष शारदा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के खास बताए जाते हैं.

इसके बावजूद कोरोना काल में अतिक्रमण हटाने का अभियान चला कर लोगों को बेरोजगार किया गया है. इनके रोजगार की कोई व्यवस्था नगरपालिका प्रशासन की और से नहीं की गई. ऐसे में परेशान होकर लोग विरोध प्रदर्शन के लिए आगे आए हैं.

चित्तौड़गढ़. कोरोना काल में राज्य और केंद्र सरकार का प्रयास रहा है कि कोई भूखा नहीं सोए और किसी का रोजगार नहीं छिने. ऐसे में जिले के निम्बाहेड़ा नगरपालिका क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के कारण हाथ ठेला और थड़ी लगाने वालों को रोजगार छिन गया है. ऐसे में बेरोजगार हुए हाथ ठेला और थड़ी संचालकों ने सोमवार को प्रदर्शन कर नगरपालिका से रोजगार की मांग की है.

बेरोजगार ठेला संचालकों ने नगरपालिका से की रोजगार की मांग

जानकारी के अनुसार जिले में जन जीवन पहले की तरह सामान्य नहीं हुआ है और कोरोना का असर लोगों के जीवन पर साफ दिखाई दे रहा है. थड़ी कारोबारियों का आरोप है कि निम्बाहेड़ा नगरपालिका की ओर से कोरोना काल में अतिक्रमण के नाम पर हाथ ठेला, गुमटी और सड़क किनारे बैठ कर व्यवसाय करने वालों के मुंह से निवाला छीन कर इन्हें बेरोजगार करने का काम किया गया है.

करीब एक माह से नगर में ठेला व्यवसायी बेरोजगार हैं. इनके परिवार के लोग भूखे मर रहे हैं. बेरोजगारी से परेशान इन लोगों ने सोमवार को नगरपालिका परिसर में धरना दिया. इन्होंने हाथों में ''हमें रोजगार दो'' की तख्तियां लगा कर प्रदर्शन किया. सभी बेरोजगार हुए महिला-पुरुष नगरपालिका में एकत्रित हुए और धरना देकर रोजगार की मांग की.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ः लूट और चोर गिरोह का खुलासा, 6 गिरफ्तार

इस दौरान कई व्यवसायी हाथों में रोजगार के मांग की तख्तियां लिए थे. प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर पालिका के कर्मचारियों ने प्रदर्शनकारियों से समझाइश का भी प्रयास किया. गौरतलब है कि निम्बाहेड़ा नगरपालिका में कांग्रेस का बोर्ड है और अध्यक्ष सुभाष शारदा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के खास बताए जाते हैं.

इसके बावजूद कोरोना काल में अतिक्रमण हटाने का अभियान चला कर लोगों को बेरोजगार किया गया है. इनके रोजगार की कोई व्यवस्था नगरपालिका प्रशासन की और से नहीं की गई. ऐसे में परेशान होकर लोग विरोध प्रदर्शन के लिए आगे आए हैं.

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