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हर्षवर्धन सिंह की हार से जिला प्रमुख पद का बदला समीकरण, सुरेश धाकड़ अब सबसे आगे !

चित्तौड़गढ़ के वार्ड नंबर 1 से भाजपा प्रत्याशी हर्षवर्धन सिंह रूद्र की हार ने जिला प्रमुख पद का समीकरण बिगाड़ दिया है. इस दौड़ में अभी पूर्व विधायक सुरेश धाकड़ सबसे आगे दिख रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Panchayati Raj Election 2020,  Rajasthan News
जिला प्रमुख पद का बदला समीकरण
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Published : Dec 9, 2020, 10:08 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिला परिषद के वार्ड 1 से भाजपा के प्रत्याशी हर्षवर्धन सिंह रूद्र की हार ने जिला प्रमुख पद का समीकरण भी बिगाड़ दिया है. राजनीतिक समीकरणों पर नजर डालें तो फिलहाल दौड़ में पूर्व विधायक सुरेश धाकड़ सबसे आगे दिख रहे हैं. वहीं, उभरते हुए चेहरे के रूप में भूपेंद्र सिंह बडोली भी इस दौड़ में बने हुए हैं. इसके अलावा डेयरी चेयरमैन और जाट नेता बद्री लाल जाट भी अपने स्तर पर जिला प्रमुख की कुर्सी हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं.

जिला प्रमुख पद का बदला समीकरण

वर्ष 2013 में बेगू से सुरेश धाकड़ विधायक चुने गए. इस दौरान पार्टी ने उन्हें जिला अध्यक्ष की कमान भी सौंपी. पार्टी ने 2018 में फिर से सुरेश धाकड़ पर भरोसा जताया. हालांकि पूर्व मंत्री चुन्नीलाल धाकड़ से खींचतान के चलते मामूली मतों के अंतराल से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उसे लेकर भी पार्टी नेताओं में उनके प्रति सहानुभूति बताई जा रही है.

पढ़ें- कांग्रेस के डीएनए में है बांटना और तुष्टीकरण : गजेंद्र सिंह शेखावत

राजनीतिक दमखम की बात करें तो चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या पूरी तरह से उनके साथ नजर आते हैं. कपासन विधायक अर्जुन लाल जीनगर का भी उन्हें समर्थन मिल सकता है. बेगू विधानसभा से पार्टी के 5 और कपासन से 4 सदस्य निर्वाचित होकर आए हैं. वहीं, चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र के सभी 4 वार्ड सदस्य आक्या के इशारों पर चलते दिख रहे हैं. इस प्रकार 13 सदस्यों का समर्थन सीधा-सीधा सुरेश के साथ दिखाई दे रहा है.

शिवराज सिंह चौहान के करीबी...

बड़ी सादड़ी की बात करें तो विधायक ललित कुमार ओसवाल पार्टी के निर्णय के साथ होंगे, जहां से 5 सदस्य चुनकर आए हैं. इसके अतिरिक्त सुरेश धाकड़ को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है, ऐसे में अंतिम समय में चौहान भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सकते हैं.

भूपेंद्र सिंह बडोली भी दौड़ में...

इस दौड़ में युवा और उभरते हुए चेहरे निंबाड़ा क्षेत्र से आने वाले भूपेंद्र सिंह बडोली भी बने हुए हैं. इनके प्रमुख आधार की बात करें तो जिला प्रमुख का पद सामान्य के लिए आरक्षित है, जबकि सुरेश धाकड़ और बद्री लाल जाट अन्य पिछड़ा वर्ग अर्थात ओबीसी से आते हैं. इसके अलावा पूर्व मंत्री और पार्टी के प्रभावशाली नेताओं में सुमार श्रीचंद कृपलानी से नजदीकी का उन्हें फायदा मिल सकता है.

तीसरा सबसे बड़ा फैक्टर वेजेस वार्ड से चुनाव जीत कर आए हैं. वहां सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के भाई मनोहर आंजना मैदान में थे, जिन्हें बडोली ने 3761 मतों से मात देकर यह सीट पार्टी खाते में डाली थी. श्रीचंद कृपलानी के साथ-साथ सांसद सीपी जोशी का साथ भी उन्हें मिल सकता है.

बद्री लाल जाट का राजनीतिक कैरियर

बद्री लाल जाट के राजनीतिक कैरियर की बात करें तो परिसीमन से पहले वह कपासन विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं और लंबे समय से चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ डेयरी की कमान संभाले हुए हैं और काफी अनुभवी माने जाते हैं. इसके साथ ही जाट में स्थानीय से लेकर प्रदेश के नेताओं से भी उनके अच्छे संपर्क उनके लिए कारगर साबित हो सकते हैं.

पढ़ें- Special : पंचायत चुनावों में फिसड्डी साबित हुए सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक, 21 में से 5 जिलों में मिला स्पष्ट बहुमत

हालांकि, निवर्तमान जिला प्रमुख लीला जाट उनके परिवार से ही हैं और उनके भाई की पुत्रवधू है. यह फैक्टर उनके लिए नकारात्मक पहलू हो सकता है. बताया जा रहा है कि सुरेश धाकड़ के जिला प्रमुख बनने की स्थिति में भूपेंद्र सिंह को उप जिला प्रमुख की कुर्सी से नवाजा जा सकता है. चित्तौड़गढ़, कपासन और बेगू विधानसभा से आने वाले सदस्यों की संख्या बल को देखते हुए कृपलानी और सांसद जोशी भी अंतिम समय में उनके नाम पर सहमति दे सकते हैं. ऐसे में सुरेश धाकड़ की ताजपोशी करीब-करीब तय ही मानी जा रही है.

चित्तौड़गढ़. जिला परिषद के वार्ड 1 से भाजपा के प्रत्याशी हर्षवर्धन सिंह रूद्र की हार ने जिला प्रमुख पद का समीकरण भी बिगाड़ दिया है. राजनीतिक समीकरणों पर नजर डालें तो फिलहाल दौड़ में पूर्व विधायक सुरेश धाकड़ सबसे आगे दिख रहे हैं. वहीं, उभरते हुए चेहरे के रूप में भूपेंद्र सिंह बडोली भी इस दौड़ में बने हुए हैं. इसके अलावा डेयरी चेयरमैन और जाट नेता बद्री लाल जाट भी अपने स्तर पर जिला प्रमुख की कुर्सी हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं.

जिला प्रमुख पद का बदला समीकरण

वर्ष 2013 में बेगू से सुरेश धाकड़ विधायक चुने गए. इस दौरान पार्टी ने उन्हें जिला अध्यक्ष की कमान भी सौंपी. पार्टी ने 2018 में फिर से सुरेश धाकड़ पर भरोसा जताया. हालांकि पूर्व मंत्री चुन्नीलाल धाकड़ से खींचतान के चलते मामूली मतों के अंतराल से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उसे लेकर भी पार्टी नेताओं में उनके प्रति सहानुभूति बताई जा रही है.

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राजनीतिक दमखम की बात करें तो चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या पूरी तरह से उनके साथ नजर आते हैं. कपासन विधायक अर्जुन लाल जीनगर का भी उन्हें समर्थन मिल सकता है. बेगू विधानसभा से पार्टी के 5 और कपासन से 4 सदस्य निर्वाचित होकर आए हैं. वहीं, चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र के सभी 4 वार्ड सदस्य आक्या के इशारों पर चलते दिख रहे हैं. इस प्रकार 13 सदस्यों का समर्थन सीधा-सीधा सुरेश के साथ दिखाई दे रहा है.

शिवराज सिंह चौहान के करीबी...

बड़ी सादड़ी की बात करें तो विधायक ललित कुमार ओसवाल पार्टी के निर्णय के साथ होंगे, जहां से 5 सदस्य चुनकर आए हैं. इसके अतिरिक्त सुरेश धाकड़ को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है, ऐसे में अंतिम समय में चौहान भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सकते हैं.

भूपेंद्र सिंह बडोली भी दौड़ में...

इस दौड़ में युवा और उभरते हुए चेहरे निंबाड़ा क्षेत्र से आने वाले भूपेंद्र सिंह बडोली भी बने हुए हैं. इनके प्रमुख आधार की बात करें तो जिला प्रमुख का पद सामान्य के लिए आरक्षित है, जबकि सुरेश धाकड़ और बद्री लाल जाट अन्य पिछड़ा वर्ग अर्थात ओबीसी से आते हैं. इसके अलावा पूर्व मंत्री और पार्टी के प्रभावशाली नेताओं में सुमार श्रीचंद कृपलानी से नजदीकी का उन्हें फायदा मिल सकता है.

तीसरा सबसे बड़ा फैक्टर वेजेस वार्ड से चुनाव जीत कर आए हैं. वहां सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के भाई मनोहर आंजना मैदान में थे, जिन्हें बडोली ने 3761 मतों से मात देकर यह सीट पार्टी खाते में डाली थी. श्रीचंद कृपलानी के साथ-साथ सांसद सीपी जोशी का साथ भी उन्हें मिल सकता है.

बद्री लाल जाट का राजनीतिक कैरियर

बद्री लाल जाट के राजनीतिक कैरियर की बात करें तो परिसीमन से पहले वह कपासन विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं और लंबे समय से चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ डेयरी की कमान संभाले हुए हैं और काफी अनुभवी माने जाते हैं. इसके साथ ही जाट में स्थानीय से लेकर प्रदेश के नेताओं से भी उनके अच्छे संपर्क उनके लिए कारगर साबित हो सकते हैं.

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हालांकि, निवर्तमान जिला प्रमुख लीला जाट उनके परिवार से ही हैं और उनके भाई की पुत्रवधू है. यह फैक्टर उनके लिए नकारात्मक पहलू हो सकता है. बताया जा रहा है कि सुरेश धाकड़ के जिला प्रमुख बनने की स्थिति में भूपेंद्र सिंह को उप जिला प्रमुख की कुर्सी से नवाजा जा सकता है. चित्तौड़गढ़, कपासन और बेगू विधानसभा से आने वाले सदस्यों की संख्या बल को देखते हुए कृपलानी और सांसद जोशी भी अंतिम समय में उनके नाम पर सहमति दे सकते हैं. ऐसे में सुरेश धाकड़ की ताजपोशी करीब-करीब तय ही मानी जा रही है.

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