चित्तौड़गढ़. असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया गुरुवार को सर्व समाज सनातन चातुर्मास समिति के प्रोग्राम में भाग लेने चित्तौड़गढ़ आए. यहां उन्होंने नरबदिया, भदेसर अमराजी भगत की धूनी अनगढ़ बावजी के दर्शन किए. उसके बाद सनातन चातुर्मास में आए अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि संतो का आशीर्वाद ही राजनीति और राजनेताओं को बचा सकता है.
असम में भी मेवाड़ की हो वाहवाही: कटारिया ने कहा, मैं यहां सतों का आशीर्वाद लेने आया हूं. मैं अच्छे इंसान की तरह राजनीति में ईमानदारी से काम करूं. अच्छा काम करूं ताकि मेवाड़ का नाम असम की धरती पर हो. लोग कहे सकें कि मेवाड़ से आए व्यक्ति ने बहुत काम किया है. मेवाड़ की धरती भगवान एकलिंग नाथ जी की है. यहां का राज सिंहासन भगवान एकलिंग नाथ देखते हैं. जबकि महाराणा दीवान के रूप में काम करते हैं. मेवाड़ की धरती ने कभी भी गुलामी स्वीकार नहीं की. वैसे ही असम की धरती ने गुलामी स्वीकार नहीं की. चाहे तलवार से धड़ कटते रहें, अपनी संस्कृति को बचाया.
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संत ही बचा सकते हैं राजनेताओं की राजनीति: उन्होंने कहा कि संतों का आशीर्वाद रहा, तो अब तक मैं जैसा रहा हूं, वैसे ही आगे के जीवन में रहूंगा. अब तक संतों ने जिस तरह हमारे सनातन धर्म को बचा कर रखा है, वैसे ही आगे निरंतर बचा कर रखेंगे. हमारी राजनीति और राजनेताओं को कोई बचा सकता है, तो वो सिर्फ संतों का आशीर्वाद है.