चित्तौड़गढ़. शहर के निकटवर्ती बिलिया गांव के किसानों ने मंगलवार दोपहर पूर्व विधायक सुरेंद्रसिंह जाड़ावत के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इसमें पुठोली में स्थित हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Limited) पर एसिड युक्त पानी छोड़ने का आरोप लगाते हुए खेतों का मुआवजा दिलाने की मांग की है.
जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित बिलिया के ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट पहुंच ज्ञापन सौंपा है. इसमें हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड पर एसिड युक्त पानी छोड़ने से खेत खराब होने और फसलें चौपट होने का आरोप लगाया है.
ज्ञापन में बताया कि पिछले 2 फरवरी को कार्यालय उपनिदेशक कृषि विस्तार और जिला परिषद चित्तौड़गढ़ की और से बिलिया में किसानों के खेत की मिट्टी का जांच के लिए सैंपल लिया गया था. जांच में सामने आया कि वहां के जल में मैग्नीशियम, जिंक और कॉपर की मात्रा मानक मान से अधिक है.
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से नदी के एनिकट में छोड़े गए एसिड युक्त पानी में इनकी मात्रा लगातार बढ़ रही है. एसिड युक्त पानी वर्षा और अन्य जल के साथ मिल कर जमीन में कुआं, ट्यूबवेल, हैंडपंप के पानी माध्यम से अन्य स्रोतों में जा रहा है. इसका परिणाम रिपोर्ट में भी सामने आया है और इस क्षेत्र के आस-पास जिंक, कॉपर, मैग्निशियम आदि का अन्य कोई स्रोत नहीं है. यह मात्र हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की और से नाले के माध्यम से नदी में प्रवाहित होकर छोड़े जा रहे प्रदूषित जल से ही जमीन के पानी में जा रहा है.
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ग्रामवासियों ने बताया कि खेतों में एसिड होने से उत्पादन नहीं हो रहा है और इसके चलते किसानों के भूखे मरने की स्थिति आ गई है. गांव के खेतों, नदी और कुओं में एसिड फैलने से किसानों के खेत खराब हो गए हैं. ग्रामवासियों ने जिला कलेक्टर को अवगत कराया कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से छोड़े गए पानी में एसिड युक्त पानी से जिन किसानों के खेत खराब हो चुके हैं. उन सभी किसानों को मुआवजा हिंदुस्तान जिंक से दिलवाया जाए. उन्होंने बताया कि मुआवजा प्रति वर्ष के हिसाब से तय करके दिलवाने के मांग की है.