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सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में सख्ती, मंदिरों में प्रवेश तक नहीं कर पाए भक्त - Sawan First Monday Chittorgarh

कोरोना वायरस का असर सावन माह के प्रथम सोमवार पर भी दिखाई दिया, जिला प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए पुलिस ने शिवालयों में सख्ती बरतते हुए श्रद्धालु के मंदिरों में पहुंचने पर रोक लगा दी. जिसका श्रद्धालुओं ने भी विरोध किया.

Sawan First Monday Chittorgarh, सावन प्रथम सोमवार चित्तौड़गढ़
शिवालयों में सख्ती
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Published : Jul 6, 2020, 8:43 PM IST

चित्तौड़गढ़. सावन माह के पहले सोमवार पर श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के अभिषेक से वंचित रह गए. इतना ही नहीं श्रद्धालु दर्शन तक नहीं कर पाए. सावन के पहले सोमवार को जिला प्रशासन के आदेश पर पुलिस ने शिवालयों पर सख्ती बरती है. इसका परिणाम यह हुआ कि श्रद्धालु मंदिरों में नहीं जा पाए. सभी प्रमुख मंदिरों पर जाप्ता तैनात किया गया था. ऐसे में कई श्रद्धालु तो अभिषेक करने का लेकर मन में आए थे, लेकिन उन्हें खाली लौटना पड़ा तो कहीं विवाद की स्थिति भी देखने को मिली.

शिवालयों में सख्ती

जानकारी के अनुसार फिलहाल धार्मिक स्थलों को खोलने के आदेश नहीं हैं. वहीं, सावन सोमवार को भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में अभिषेक करने को लेकर हर वर्ष भारी भीड़ उमड़ती है. सावन का महीना शुरू होने से पहले तक तो शहर में भी छोटे बड़े मंदिर खुल रहे थे. लेकिन सावन के पहले सोमवार से ही प्रशासन ने इस पर सख्ती कर दी. इस संबंध में जिला कलेक्टर ने आदेश दिया था, जिसकी पालना को लेकर चित्तौड़गढ़ शहरी क्षेत्र में स्थित सभी बड़े शिव मंदिरों को बैरिकेट्स लगा कर बंद कर दिया गया. कहीं मंदिरों में अंदर से ताला लगा दिया, जिससे कि श्रद्धालु अंदर ना जा सके. ऐसे में सुबह से ही श्रद्धालु अभिषेक के लिए मंदिरों में पहुंचे लेकिन वे निराश लौटे.

शहर में खरड़िया महादेव मंदिर के यहां तो विवाद की स्थिति हो गई. जानकारी के अनुसार यह मंदिर गंभीर नदी के तट पर शहर के मध्य में स्थित है. यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आम दिनों में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. सावन सोमवार को तो भारी भीड़ रहती है. सोमवार को श्रद्धालु मंदिर पहुंचे, लेकिन पुलिस की ओर से बैरिकेट्स को लगा कर मंदिर जाने वाले रास्ते को ही बंद कर दिया था. ऐसे में लोगों में आक्रोश देखने को मिला. श्रद्धालुओं का आरोप था कि मंदिर समिति की ओर से तो अभिषेक किए जा रहे हैं, वहीं आम श्रद्धालुओं को अभिषेक करने से रोका जा रहा है.

पढ़ें- अजमेरः सावन के पहले सोमवार पर जमकर बरसे बदरा...मौसम विभाग ने दी ये चेतावनी

नियमानुसार मंदिर में पुजारी ही रहना चाहिए. यहां मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई. मामले की जानकारी मिलने पर कोतवाली थाने से एएसआई बरकत हुसैन मौके पर पहुंचे और समझाइश का प्रयास किया और सरकार के नियमों का हवाला दिया. मामला कोतवाली थानाधिकारी तुलसीराम तक पहुंचा है, जिन्होंने मंदिर समिति के पदाधिकारियों से बात कर सरकार के आदेशों की पालना के निर्देश दिए हैं. इधर, सरकार की सख्ती होने के बाद मंदिरों में सावन सोमवार पर केवल मंदिर के पुजारी ही अभिषेक करते दिखाई दिए.

चित्तौड़गढ़. सावन माह के पहले सोमवार पर श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के अभिषेक से वंचित रह गए. इतना ही नहीं श्रद्धालु दर्शन तक नहीं कर पाए. सावन के पहले सोमवार को जिला प्रशासन के आदेश पर पुलिस ने शिवालयों पर सख्ती बरती है. इसका परिणाम यह हुआ कि श्रद्धालु मंदिरों में नहीं जा पाए. सभी प्रमुख मंदिरों पर जाप्ता तैनात किया गया था. ऐसे में कई श्रद्धालु तो अभिषेक करने का लेकर मन में आए थे, लेकिन उन्हें खाली लौटना पड़ा तो कहीं विवाद की स्थिति भी देखने को मिली.

शिवालयों में सख्ती

जानकारी के अनुसार फिलहाल धार्मिक स्थलों को खोलने के आदेश नहीं हैं. वहीं, सावन सोमवार को भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में अभिषेक करने को लेकर हर वर्ष भारी भीड़ उमड़ती है. सावन का महीना शुरू होने से पहले तक तो शहर में भी छोटे बड़े मंदिर खुल रहे थे. लेकिन सावन के पहले सोमवार से ही प्रशासन ने इस पर सख्ती कर दी. इस संबंध में जिला कलेक्टर ने आदेश दिया था, जिसकी पालना को लेकर चित्तौड़गढ़ शहरी क्षेत्र में स्थित सभी बड़े शिव मंदिरों को बैरिकेट्स लगा कर बंद कर दिया गया. कहीं मंदिरों में अंदर से ताला लगा दिया, जिससे कि श्रद्धालु अंदर ना जा सके. ऐसे में सुबह से ही श्रद्धालु अभिषेक के लिए मंदिरों में पहुंचे लेकिन वे निराश लौटे.

शहर में खरड़िया महादेव मंदिर के यहां तो विवाद की स्थिति हो गई. जानकारी के अनुसार यह मंदिर गंभीर नदी के तट पर शहर के मध्य में स्थित है. यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आम दिनों में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. सावन सोमवार को तो भारी भीड़ रहती है. सोमवार को श्रद्धालु मंदिर पहुंचे, लेकिन पुलिस की ओर से बैरिकेट्स को लगा कर मंदिर जाने वाले रास्ते को ही बंद कर दिया था. ऐसे में लोगों में आक्रोश देखने को मिला. श्रद्धालुओं का आरोप था कि मंदिर समिति की ओर से तो अभिषेक किए जा रहे हैं, वहीं आम श्रद्धालुओं को अभिषेक करने से रोका जा रहा है.

पढ़ें- अजमेरः सावन के पहले सोमवार पर जमकर बरसे बदरा...मौसम विभाग ने दी ये चेतावनी

नियमानुसार मंदिर में पुजारी ही रहना चाहिए. यहां मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई. मामले की जानकारी मिलने पर कोतवाली थाने से एएसआई बरकत हुसैन मौके पर पहुंचे और समझाइश का प्रयास किया और सरकार के नियमों का हवाला दिया. मामला कोतवाली थानाधिकारी तुलसीराम तक पहुंचा है, जिन्होंने मंदिर समिति के पदाधिकारियों से बात कर सरकार के आदेशों की पालना के निर्देश दिए हैं. इधर, सरकार की सख्ती होने के बाद मंदिरों में सावन सोमवार पर केवल मंदिर के पुजारी ही अभिषेक करते दिखाई दिए.

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