चित्तौड़गढ़. भाई के लापता हो जाने के बाद पुलिस व ग्रामीण सक्रिय हुए तो आरोपित फिरौती मांगने के लिए फोन नहीं कर पाया था. पुलिस इससे और भी पूछताछ में जुटी हुई है. पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि 16 दिसम्बर को कनेरा थाने पर सरसी निवासी लक्ष्मीनारायण धाकड़ ने अपने भतीजे प्रहलाद उर्फ मनोज धाकड़ की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी. तलाशी के दौरान सरसी गांव के ही शिवलाल पुत्र मथुरालाल धाकड़ के कुंए में एक प्लास्टीक की पॉलीथिन व कपडे के बोरे में प्रहलाद का शव (Brother murdered in Chittorgarh ) मिला था.
शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा परिजनों की रिपोर्ट पर प्रकरण संख्या 57/2021 धारा 302, 201, 120बी भादस दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया. कनेरा थानाधिकारी गोपालनाथ के नेतृत्व में अलग-अलग टीम गठीत कर घटना से जुडे़ सभी विषयों पर गहन जांच की गई. इसमें सामने आया कि घटना के दिन से ही शिवलाल पुत्र मथुरालाल धाकड़ निवासी सरसी अपने घर से भाग गया था, जिस पर शंका होने से तकनीकी व ग्रामीणों की सहायता से शिवलाल धाकड़ को राजस्थान-मध्यप्रदेश के जंगलो से डिटेन किया जाकर पूछताछ की गई.
इसमें आरोपित शिवलाल ने वारदात करना स्वीकार कर लिया. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में अकेले ही वारदात करने की बात स्वीकार की है लेकिन पुलिस को आशंका है कि इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसे रविवार को न्यायालय में पेश किया जाकर रिमाण्ड लिया जाएगा.
तकाजों से हो गया था परेशान
पुलिस की पूछताछ में आरोपित शिवलाल धाकड़ ने बताया कि उसे शेयर मार्केट में अधिक नुकसान होने के कारण कर्जा हो गया था. उधारी अधिक होने से तकाजा करने वालों से परेशान हो गया. इसलिए घटना से करीब 10-12 दिन पहले उसने योजना बनाई कि प्रहलाद का अपहरण कर तकनीकी तरीके से विदेशी नंबरो से कॉल करके फिरोती मांग कर सबकी उधारी चुकाएगा. लेकिन प्रहलाद का अपहरण करने के बाद उसे किसी सुरक्षीत जगह पर छिपाना मुश्किल होने से तथा फिरौती की राशी मिल जाने के बाद वापस जिन्दा छोडने की स्थिती में प्रहलाद द्वारा घर जाकर अपने परिजनों को पहचान उजागर होने की आशंका थी. इसलिए शिवलाल ने प्रहलाद का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या करने का प्लान बनाया.
व्हाट्सप कॉल से बुलाया, फंदे पर लटका कर दी हत्या
पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि योजना के अनुसार ही उसने मौसेरे भाई प्रहलाद को वाट्स्अप कॉल कर कुवे पर बुलाया. प्रहलाद को कुवे पर बिठा कर विश्वास में लेने के लिए इधर- उधर की बातों मे उलझा कर रखा. आरोपित ने अपने आपको मुसीबत मे बता कर प्रहलाद से मदद मांगी. इसी दौरान आरोपित ने मौका पाकर नीम के पेड के पहले से रस्सी बांध कर जो फंदा बना रखा था, उसे प्रहलाद के गले में डाल कर खींच लिया. रस्सी का एक सिरा नीम के पेड़ के पहले से ही बंधा हुआ था और दूसरा खींचने से प्रहलाद ज्यादा संघर्ष नहीं कर पाया और कुछ देर में दम तोड दिया.
स्कूटी पर शव रख कर ले गया कुएं में
आरोपित ने अपने स्वयं के घर वालों को भी शक नही हो इसलिए हत्या कर के वह अपने घर पर आ गया ओर खाना खाकर सो गया. वापस 1 घण्टे बाद स्कूटी लेकर खेत पर गया. खेत पर पहले से पॉलीथिन के बैग लाकर रख रखे थे, जिनमें शव को डाल कर रस्सी से बांध दिया और स्कूटी के आगे रख कर के शव को कुएं पर ले जाने लगा. मृतक के पैर व सीर नीचे जमीन पर घसीटने से बचाने के लिए शव के नीचे लकडी का एक बडा डण्डा रख दिया. स्कूटी को कुए पर ले आया जहां शव को पानी में डुबाने के लिए बडे-बडे पत्थर भी बांध दिये और कुए में डाल दिया.
घबरा गया तो नहीं मांग पाया फिरौती
पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने योजना के अनुसार प्रहलाद की गुमशुदगी के 2-3 दिन बाद परिजनों को फिरोती के लिए मैसेज भेजने वाला था. लेकिन गुमशुदगी रिपोर्ट थाने में दर्ज होने तथा ग्रामीणों म सक्रियता से कुवे व बावडी में कैमरे डाल कर तलाश करने के कारण वह घबरा गया और फिरोती का मैसेज नहीं भेजा। गुमशुदगी के बाद 18 दिसम्बर को ग्रामीणों ने दूसरे कुवों में कैमरे डाल कर तलाश की जा रही थी, उस दिन भी आरोपित बाहर भाग गया था. शाम तक जब इसके कुवे में किसी ने तलाशी नहीं ली तो वह वापस घर पर आ गया. वहीं 22 दिसम्बर को आरोपित के कुए में मनोज की लाश मिली तब भी यह घर से घायब हो गया था.