चित्तौड़गढ़. जिले के रावतभाटा न्यायालय में कार्यरत एक महिला लिपिक ने फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली. उसने जब दो दिन माता-पिता के फोन नहीं उठाए तो मां ने मकान मालिक को फोन कर इसकी जानकारी दी.
मकान मालक ने खिड़की से झांक कर देखा तो महिला क्लर्क का शव लटका देखा. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की. मौके से पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया है. जिसमें डिप्रेशन में होने की बात लिखी है.
जानकारी में सामने आया है कि रावतभाटा की क्षत्रिय प्रताप कॉलोनी में किराए पर रहने वाली जयपुर निवासी मनीषा (25) पुत्री कैलाशचंद बागड़ी रावतभाटा कोर्ट में लिपिक का काम करती थी. वह करीब ढाई साल से इसी कॉलोनी में एक मकान पर किराए पर रहती थी. दो दिन से मनीषा अपने परिवार वालों का फोन नहीं उठा रही थी. मंगलवार सुबह मनीषा की मां ने मकान मालिक की पत्नी को फोन किया और बताया कि मनीषा फोन नहीं उठा रही है.
मकान मालकिन ने मनीषा के कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अनहोनी की आशंका को देखते हुए मकान मालकिन ने पति हिम्मत सिंह राठौड़ को इसकी जानकारी दी. हिम्मतसिंह ने खिड़की के बाहर रखा कूलर हटाया और अंदर झांका तो मनीषा का शव पंखे से लटका हुआ था.
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हिम्मतसिंह ने तुरंत रावतभाटा थाना पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने शव को नीचे उतारा और मनीषा के परिवार को सूचना दी. पुलिस के मुताबिक शनिवार को मनीषा को सुबह देखा गया था. इसके बाद वह अपने कमरे में चली गई और दो दिन तक बाहर नहीं निकली. वह अपने आप में ही व्यस्त रहती थी. इसलिए किसी ने शक भी नहीं किया.
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया था कि डेढ़ साल पहले तक उसकी दादी उसके साथ ही रहती थी. कोरोना के समय दादी वापस घर चली गई. पुलिस को मनीषा के कमरे से 3 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है. जिसमें उसने डिप्रेशन में होने की बात लिखी है. सुसाइड नोट में उसने लिखा था कि 'मैं काफी दिन से डिप्रेशन में हूं, सुसाइड करना चाहती हूं...लेकिन मम्मी-पापा को अकेले छोड़ कर जाने का डर सता रहा है...मुझे अपने परिवार की चिंता हो रही है...इसलिए सुसाइड नहीं कर पा रही थी...अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है...मैं अपने डिप्रेशन को झेल नहीं पा रही हूं...'
उसने अपने माता-पिता और परिवार के लिए प्यार जताया. उसमें यह भी लिखा है कि यह जो भी कर रही है, अपनी मर्जी से कर रही है. इसके बाद उसके परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों और स्टॉफ मेंबर को उसके आत्महत्या के लिए परेशान न करें.