चित्तौड़गढ़. जिला प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना लगातार अपने पांव पसारता दिख रहा है. पिछले 24 घंटे में तीन लोगों की मौत की चर्चा है. हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है लेकिन प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया गया है. वहीं आज की सैंपल रिपोर्ट भी आ गई जिसमें 214 नए संक्रमित सामने आए. पूर्व मंत्री श्री चंद कृपलानी की रिपोर्ट बी पॉजिटिव आई है.
चिंता की बात यह है कि शहर के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना सक्रिय होता दिख रहा है. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आज आने वाले नए रोगियों में सर्वाधिक कपासन कस्बे के हैं जहां 41 लोग संक्रमण के शिकार पाए गए. इसी प्रकार बड़ी सादड़ी से 17, बेगू से 36, भदेसर से 10, चित्तौड़ ग्रामीण अंचल 34,
डूंगला एक, गंगरार 14, निंबाहेड़ा 27 तथा चित्तौड़गढ़ शहर 34 नए संक्रमित रिकॉर्ड किए गए.
पढ़ें: चूरू में बढ़ता संक्रमण का दायरा..संक्रमित इलाकों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर किया सील
वहीं उदयपुर में राशमी क्षेत्र के एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके साथ ही पिछले 24 घंटे में कोरोना से 3 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है. इधर पूर्व मंत्री और भाजपा के नेता श्री चंद कृपलानी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव पाई गई. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने आज अपने पैतृक गांव छोटी सादड़ी स्थित केसुंदा गांव में कोरोना से बचाव के लिए दूसरा टीका लगवाया. उन्होंने आम जनता से टीकाकरण के लिए आगे आने का आह्वान किया है ताकि कोरोना के संक्रमण पर काबू पाया जा सके.
चित्तौड़गढ़. ज़िला परिषद सीईओ ज्ञानमल खटीक प्रतिदिन निरीक्षण और बैठकों के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं और कोरोना रोकथाम अभियान की समीक्षा की. सीईओ ने मंगलवार को बड़ीसादड़ी पंचायत समिति में समस्त ग्राम विकास अधिकारियों, लेखा सहायकों, रोजगार सहायकों, एलडीसी एवं अन्य कार्मिकों की विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक ली. सीईओ ने निर्देश दिए कि कोरोना से बचाव के लिए अपने और अपने परिवार का ख्याल रखें, गाइडलाइन का पालन करें, मास्क पहनें, सेनेटाइज़ करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग रखें और लोगों को भी जागरूक करें.
सीईओ ने निर्देश दिए कि चिरंजीवी योजना में बढ़-चढ़ कर अधिक से अधिक लोगों को शिविरों तक लाकर उनका पंजीयन करवाएं. सीईओ ने कहा कि कोरोना काल में कई लोग बेरोजगार हुए हैं, इसलिए मनरेगा अंतर्गत ग्राम में एक्टिव जॉब कार्ड के अनुरूप लेबर लगाए ताकि गांव में ही नरेगा के माध्यम से रोजगार उपलब्ध होने से लाभार्थी की आर्थिक स्थिति में सुधार हो.