चित्तौड़गढ. मानसून की दस्तक के साथ ही जिले में बीती रात हुई भारी बारिश से हालात बिगड़ने के साथ ही नाले उफान पर आ गये. वहीं एक यात्री बस नाले में बुरी तरह फंस गई. रेस्क्यू टीम की मदद से यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
दूसरी ओर एक तालाब में डूबने से सैकड़ों भेड़ों की मौत हो गई. जिले में मानसून की पहली ही बरसात में मंजर देखने लायक बना. जिले के विभिन्न क्षेत्रों सहित शहर में बीती रात हुई बरसात से जनजीवन खासा प्रभावित हो गया. जिले में नदी के एनीकट छलक गए. वहीं बोदियाना नाले में उफान के कारण यात्रियों से भरी एक ट्रैवल्स बस फंस गई, जिसका रेस्क्यू कर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. प्रशासन द्वारा नाले नालियों में भरे पानी के निकासी का कार्य शुरू कराया.
वहीं शहर के समीपस्थ गाडरीयावास गांव के एक तालाब में पानी आ जाने से सैकड़ों भेड़ों की डूबने से मौत हो गई. दरअसल मारवाड़ के चरवाहे जिले के विभिन्न स्थानों पर भेड़ें चराने के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आए हुए थे. जिले के घोसुण्डा बांध के आगे स्थित गाडरीयावास गांव के खाली तालाब में मंगलवार शाम से हजारों भेड़ें विचरण कर रही थी, जहां रात में अचानक भारी बारिश के चलते तालाब में पानी आ जाने से सभी भेड़ें पानी मे डूब गई. जिसके चलते मौके पर अफरा तफरी मच गई.
मौके पर ग्रामीणों ने पहुचकर भेड़ों को बचाने का प्रयास शुरू किया. इधर सूचना पर सवेरे से राहत दाल भी मौके पर पहुंच कर भेड़ों की जान बचाने में जुटा. नाव गोताखोरों की मदद से मृत और जिंदा भेड़ो को निकालने का प्रयास अब भी जारी है. सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंच घटना के संबंध में जानकारी ली. मौके पर बचाव राहत दल भेड़ों को निकालने के प्रयास में जुटा हुआ है. बारिश से शहर की सड़कें भी जलमग्न हो गई तो वहीं एनिकट उफान के साथ पूरे वेग से बहने लगे.