चित्तौड़गढ़. एंटी करप्शन ब्यूरो ने बुधवार को जिले में ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए उदयपुर की स्पेशल यूनिट ने उमंड ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को 10000 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया. विकास अधिकारी ने मकान का पट्टा जारी करने की एवज में रिश्वत की राशि ली थी.
ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि ब्यूरो के उदयपुर स्थित स्पेशल यूनिट के समक्ष परिवादी ने शिकायत दी थी. इसमें आरोप था कि राहुल मीणा चाकूड़ा ग्राम पंचायत का ग्राम विकास अधिकारी है. उसके पास राहुल उमंड ग्राम पंचायत का भी अतिरिक्त चार्ज है. परिवादी ने पंचायत में अपने मकान का पट्टा जारी करने का आवेदन लगा रखा है. लेकिन लंबे समय बाद भी पट्टा जारी नहीं किया गया. इस संबंध में जब ग्राम विकास अधिकारी से संपर्क किया, तो उसने मकान का पट्टा जारी करने की एवज में 10000 रुपए की रिश्वत की मांग की. रिश्वत के बाद ही पट्टा जारी करने के लिए कहा गया.
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इस आधार पर उप महानिरीक्षक पुलिस राजेंद्र प्रसाद गोयल के सुपरविजन में स्पेशल यूनिट इकाई उदयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कराया गया. इसमें रिश्वत की मांग संबंधी पुष्टि होने के बाद पुलिस निरीक्षक आदर्श कुमार परिहार के नेतृत्व में टीम गठित की गई. टीम ने बुधवार को उमंड में अपना जाल बिछाया और परिवादी को रिश्वत की राशि देकर ग्राम विकास अधिकारी राहुल पुत्र श्रवण कुमार मीणा के पास भेजा. जैसे ही राहुल मीणा ने परिवादी से 10000 रुपए की रिश्वत ली. परिवादी के इशारा करते ही ब्यूरो के अधिकारियों ने चित्तौड़गढ़ में रहने वाले विकास अधिकारी राहुल मीणा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
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महा निरीक्षक एसीबी सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में आरोपी राहुल मीणा से ब्यूरो अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया जाएगा. अतिरिक्त महानिदेशक प्रियदर्शनी ने आमजन से अपील की है कि ब्यूरो की टोल फ्री हेल्पलाइन 1064 एवं व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 94135 02834 पर भ्रष्टाचार संबंधी रात—दिन किसी भी समय शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
जयपुर में भी पकड़ा गया रिश्वतखोर: जयपुर में एसीबी की टीम ने सूरजपोल कृषि उपज मंडी में बुधवार को एक कनिष्ठ सहायक को 4000 रुपए रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी के मुताबिक जयपुर एसीबी प्रथम इकाई को परिवादी की ओर से शिकायत दी गई थी कि संशोधित मंडी लाइसेंस जारी करने की एवज में कनिष्ठ सहायक अनिल कुमार सक्सेना 5000 रुपए की रिश्वत राशि मांग कर परेशान कर रहा है. शिकायत का सत्यापन करने के बाद कनिष्ठ सहायक को 4000 रुपए रिश्वत राशि लेते हुए गिरफ्तार किया गया. आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा.