चित्तौड़गढ़. करीब 4 साल पुराने पॉक्सो के एक मामले में न्यायालय ने मंगलवार को अपने निर्णय में एक आरोपी को दोषी ठहराते हुए 20 साल का कठोर कारावास सुनाया. वहीं, जुर्माना भी लगाया गया, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया. पीठासीन अधिकारी ने मामले की सही जांच नहीं करने पर नाराजगी जताई.
मामला भदेसर थाना क्षेत्र का है. 24 अगस्त 2019 को पुलिस थाने में एक रिपोर्ट आई, जिसमें बताया गया कि उसकी 15 साल की बेटी है जो मंदबुद्धि है. व्हाट्सएप पर एक फोटो भेजा गया, जिसमें गांव के ही आरोपी द्वारा उसकी पुत्री के साथ रेप किया जाना सामने आया. उसके साथी ने फोटो वायरल कर दिया. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ पॉक्सो और आरोपी के साथी के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए जांच के बाद चालान पेश कर दिया.
इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाह और 33 डॉक्यूमेंट पेश किए गए, जबकि आरोपी के पक्ष में एक भी सबूत पेश नहीं किया गया. पिठासीन अधिकारी अमित सहलोत ने दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी माना और 20 साल कठोर कारावास के साथ 20 हजार का जुर्माना लगाया. वहीं, साथी आरोपी को संदेह के लाभ पर बरी कर दिया गया.
अपने निर्णय में पीठासीन अधिकारी ने मामले में पुलिस के खिलाफ सही अनुसंधान नहीं करने पर भी नाराजगी जताई और उदयपुर रेंज आईजी तथा जिला पुलिस अधीक्षक को निर्णय की कॉपी भेजने के साथ पुलिस अधिकारियों को आईटी संबंधी जानकारी के लिए प्रौद्योगिकी वर्कशॉप करवाने की सलाह दी.