चित्तौड़गढ़. महानिदेशालय कारागार जयपुर के महानिदेशक व महानिरीक्षक राजीव दासोत ने 16 फरवरी से कुछ शर्तों के साथ बंदियों को उनके परिजनों, मित्रों व अधिवक्ताओं से मिलने का आदेश जारी किया है. करीब 11 माह बाद जेल में मुलाकात शुरू हो रही है. जेल मुख्यालय ने कोविड़ नियमों की पालना के साथ ही मुलाकात को लेकर भी नए नियम लागू किए हैं.
आदेश में मुलाकात के समय में कटौती की गई है, जिसके तहत मात्र 15 मिनिट का समय कर दिया है. जानकारी के अनुसार, कोरोना महामारी के चलते सरकार ने बंदियों को उनके परिजनों से मिलने के लिए रोक लगाई गई थी. ऐसे में प्रदेश की जेलों में आखिरी बार 24 मार्च को मुलाकात हुई थी. कारागृह में निरूद्ध बंदी एवं उनके परिजन के लिए मुलाकात भी आवश्यक है. लेकिन, वर्तमान में अभी तक कोविड-19 का प्रभाव पूर्णतया समाप्त नहीं हुआ है.
परिजन व बंदी भी लंबे समय से मुलाकात शुरू करने की मांग जेल प्रशासन से कर रहे थे. ऐसे में जेल मुख्यालय ने कोविड-19 केे समाप्त होने तक बंदियों से परिजनों, मित्रों, अधिवक्ताओं की मुलाकात के संबंध में नए आदेश दिए गए. नए आदेशानुसार 16 फरवरी से कुछ शर्तों के साथ बन्दियों को परिजनों से मिलने दिया जाएगा. शर्तो के अनुसार, विचाराधीन बंदी की 15 दिवस में एक बार, दंडित बंदी की माह में एक बार मुलाकात करवाई जाएगी. केंद्रीय कारागृह में पूर्व निर्धारित 6 दिवस (सोमवार को छोड़ कर) और जिला व उप कारागृह में पूर्व निर्धारित 4 दिन (रविवार, मंगलवार बुधवार व शनिवार) को मुलाकात करवाई जाएगी.
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मिलने के समय में भी परिवर्तन करते हुए 45 मिनट से घटा कर 15 मिनट किया गया है. साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि मुलाकात कक्ष एवं उपकरण प्रत्येक मुलाकात के बाद सैनिटाइज किए जाएंगे. बंदियों को दूरभाष का वीडियो कॉलिंग की सुविधा पूर्ववत जारी रहेगी. मुलाकात का समय पूर्व के अनुसार कारागृह द्वारा निर्धारित किया हुआ ही रहेगा. मुलाकात करवाने वाले स्टाफ मास्क बदलाव व ग्लव्स पहनते हुए सामाजिक दूरी का पूर्णतया पालन करेंगे.
मुलाकात के समय बाहर से सामान देना अभी प्रतिबंध रहेगा. कोविड-19 की स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में आने पर अग्रिम आदेश प्रदान किए जाएंगे. इस संबंध में समस्त कारागृह के मुख्य गेट एवं नोटिस बोर्ड पर आवश्यक सूचना चस्पा करनी होगी. इस सम्बंध में चित्तौड़गढ़ जिला जेल के उप अधीक्षक डुलेसिंह ने बताया कि मुलाकात शुरू करने को लेकर जेल मुख्यालय से नए आदेश आए हैं, जिनकी पालना की जाएगी. जिला जेल में एक भी सजा याप्ता बंदी नहीं है. यहां केवल विचाराधीन बंदी रखने का ही प्रावधान है.