चित्तौड़गढ़. साल का आखिरी सप्ताह पुलिस के साथ कई परिवारों के लिए खुशियां लेकर आया है. किसी का टूटता परिवार फिर एक हुआ, तो सालों से अलग रह रहे बच्चों को फिर माता-पिता का प्यार मिल पाया, तो कोई शादी के सालों बाद फिर एक दूसरे के हुए हैं और यह सब हुआ है पुलिस के कुशल कार्य की वजह से. दरअसल, गुरुवार को 31 दिसंबर से पहले लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया गया. जिला मुख्यालय पर आए 3 जोड़ों को महिला थाना पुलिस ने समझाइश कर राजीनामा करवाया. ये जोड़े दहेज प्रताड़ना और तलाक के लिए आये थे, लेकिन पुलिस ने समझाइश कर इनके मन का मेल दूर किया और खुशी-खुशी घर भेजा है.
महिला थानाधिकारी सुशीला खोईवाल ने बताया कि गुरुवार को 3 जोड़ों को थाने में बुला कर उनसे समझाइश कर उनको फिर से एक साथ किया. उन्होंने बताया कि इन 3 जोड़ों में पीड़िता ने अपने पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ मारपीट और दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज कराया हुआ था. तीनों जोड़ें एक दूसरे से काफी सालों से अलग रह रहे थे.
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5 साल बाद हुई मुलाकात...
थानाधिकारी खोईवाल ने बताया कि पायल वैष्णव हाल निवासी नगरपालिका कॉलोनी और विकास वैष्णव निवासी भीलवाड़ा दोनों दो साल से अलग रह रहे थे. मधु कंवर और भैरूसिंह निवासी सूरजपोल भी एक साल अलग थे. आकांक्षा चावला और विनोद कुमार चावला निवासी गांधीनगर पांच साल से अलग रह कर तनावपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे थे. इससे पांच साल पूर्व भी दोनों अलग हो गए थे, तब भी इनका राजीनामा करवाया गया था, लेकिन दो महीने से विनोद द्वारा मारपीट करने पर आकांक्षा ने पुनः मुकदमा दर्ज करवाया. थानाधिकारी सुशीला खोइवाल का कहना है कि मधु के तीन व आकांक्षा के दो बच्चे हैं.
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पति-पत्नी के झगड़ो में बच्चों का जीवन बर्बाद ना हो और परिवार का क्या महत्व है, यह बातें समझाई गई. इन सभी की परिवार सहित काउंसलिंग की गई. तलाक के लिए आए हुए जोड़ों को थानाधिकारी सुशीला खोईवाल ने पति-पत्नी के साथ समझाइश की और लिखित राजीनामा कर उन्हें साथ भेज दिया. ऐसे में ये तीनों ही जोड़े साथ रहने के लिए राजी हुए हैं. महिला थानाधिकारी ने बताया कि उनका प्रयास यह रहता है कि किसी का घर नहीं उजड़े. ऐसे में दहेज प्रताड़ना की शिकायत लेकर आने वालों को काउंसलिंग के दौरान थाने की टीम समझाइश करती है.