ETV Bharat / state

चित्तौड़गढ़: क्षमा याचना के साथ संपन्न हुआ महासतियों का चातुर्मास, महासती मंडल ने दी विदाई - Chittorgarh today news

अंबेश भवन में आयोजित महासतियों का चातुर्मास सोमवार को समाप्त हो गया. इस दौरान महासती मंडल ने विदाई गीतों के साथ विदा किया.

Chittorgarh latest news, महासतियों का चातुर्मास संपन्न,
महासतियों का चातुर्मास सोमवार को समाप्त हो गया
author img

By

Published : Nov 30, 2020, 8:02 PM IST

कपासन (चितौड़गढ़). अंबेश भवन में आयोजित महासतियों का चातुर्मास सोमवार को समाप्त हो गया. इस दौरान महासती मंडल ने विदाई गीतों के साथ विदा किया. महासती प्राची ने सभी श्रावक श्राविकाओं से कहा कि आपके नगर में संत कोई भी आए, आपको उनकी सेवा में लगना चाहिए. संत आपको सच्ची राह बताते हैं. पांच माह के चातुर्मास काल में हमारे द्वारा किसी का दिल दुखा हो तो श्रावक श्राविका से क्षमा याचना करते है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान : जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के तीसरे चरण का चुनाव कल...मतदान की सभी तैयारियां पूरी

उन्होंने कहा कि संत नदी की तरह बहती धारा है. नदी जब तक बहती है, तब तक शीतल और स्वच्छ जल प्रदान करती है. उसी तरह संत भी विचरण करते रहते हैं तो समाज को सुख शांति का संदेश देते हैं. सुखी जीवन जीने का मार्ग बताते हैं. परन्तु संतों का एक जगह ठहराव, संतों के जीवन में दोष प्रकट कर देता है.

यह भी पढ़ें: किरण माहेश्वरी के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुखा, वसुंधरा ने कहा- बीजेपी और राजस्थान के लिए अपूरणीय क्षति

सभा में लाड लोढ़ा ने विदाई गीत प्रस्तुत किया. इस अवसर पर कई श्रावक-श्राविका उपस्थित थे. महामंत्री प्रदीप चंडालिया ने सभा के अंत में महासती मंडल से श्रमण संघ के सभी सदस्यों की तरफ से अविनय, असाधना के लिए क्षमा याचना की.

कपासन (चितौड़गढ़). अंबेश भवन में आयोजित महासतियों का चातुर्मास सोमवार को समाप्त हो गया. इस दौरान महासती मंडल ने विदाई गीतों के साथ विदा किया. महासती प्राची ने सभी श्रावक श्राविकाओं से कहा कि आपके नगर में संत कोई भी आए, आपको उनकी सेवा में लगना चाहिए. संत आपको सच्ची राह बताते हैं. पांच माह के चातुर्मास काल में हमारे द्वारा किसी का दिल दुखा हो तो श्रावक श्राविका से क्षमा याचना करते है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान : जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के तीसरे चरण का चुनाव कल...मतदान की सभी तैयारियां पूरी

उन्होंने कहा कि संत नदी की तरह बहती धारा है. नदी जब तक बहती है, तब तक शीतल और स्वच्छ जल प्रदान करती है. उसी तरह संत भी विचरण करते रहते हैं तो समाज को सुख शांति का संदेश देते हैं. सुखी जीवन जीने का मार्ग बताते हैं. परन्तु संतों का एक जगह ठहराव, संतों के जीवन में दोष प्रकट कर देता है.

यह भी पढ़ें: किरण माहेश्वरी के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुखा, वसुंधरा ने कहा- बीजेपी और राजस्थान के लिए अपूरणीय क्षति

सभा में लाड लोढ़ा ने विदाई गीत प्रस्तुत किया. इस अवसर पर कई श्रावक-श्राविका उपस्थित थे. महामंत्री प्रदीप चंडालिया ने सभा के अंत में महासती मंडल से श्रमण संघ के सभी सदस्यों की तरफ से अविनय, असाधना के लिए क्षमा याचना की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.