चित्तौड़गढ़. गायों के संरक्षण के लिए चित्तौड़गढ़ में एक अनूठा प्रयोग होने जा रहा है. यहां निलिया महादेव गोशाला समिति की ओर से दिवाली के पर्व पर भगवान चारभुजानाथ के सभी मंदिरों में गाय के गोबर से बने दीपक ही प्रज्वलित किये जाएंगे. जिले में चारभुजानाथ के 1008 मंदिरों में इसी तरह दिवाली पर्व पर रोशनी की जाएगी. हर मंदिर में गाय के गोबर से बने 108 दीपक जलाए जाएंगे.
निलिया महादेव गोशाला समिति के पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस आयोजन को सफल बनाने के लिए गांव-गांव जाकर मंदिरों में गाय के गोबर से बने दीपक भेंट कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण का खौफ अब कम हो रहा है ऐसे में जिले में नवाचार की आवश्यकता को देखते हुए गाय के गोबर से बने दिए जलाने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में इस नवाचार के माध्यम से जिले में गायों के संरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा. जानकारी में सामने आया कि गोनंदी संरक्षण समिति और श्री नीलिया महादेव गोशाला समिति लगातार दूसरे साल गोमय स्पेशल दीपावली का आयोजन कर रही है.
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पिछले साल मनाया था कामधेनु दिवाली महोत्सव
गोशाला समिति के संयोजक कमलेश पुरोहित ने बताया कि गत वर्ष भी हमने चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर कामधेनु दीपावली महोत्सव मनाया था. इसमें गाय के गोबर से बने हुए दीपक से चित्तौड़गढ़ दुर्ग के ऐतिहासिक भवनों को जगमगाया था. बीते साल इस पहल में चित्तौड़गढ़ शहर के सभी समाज जुड़े थे. इस साल भी दीपावली के अवसर पर पहल यह पहल की गई है. इसके लिए हमने विशेष रूप से तैयारियां की हैं
1008 चारभुजानाथ मंदिरों का बना कलेंडर
चित्तौड़गढ़ के 1008 गांवों के चारभुजा नाथ मंदिर के दर्शन के फोटो मंगवाएं हैं. इनका कैलेंडर बनाया गया है. इन कैलेंडरों के माध्यम से 1008 गांवों तक इस दीपावली पर गोबर के दीपक लेकर जा रहे हैं. इसके लिए लगातार गाय के गोबर से लाखों दीपक बनाये जा रहे हैं. इनमें रंग रोगन किया जा रहा है और पैकिंग कर 1008 गांवों के मंदिरों तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा तेल और बत्ती की व्यवस्था भी समिति की और से की जा रही है. दीपक मंदिरों तक पहुंचाने के लिए रथ की व्यवस्था की गई है. अब तक 70 प्रतिशत मंदिरों में दीपक पहुंचाने दिए गए हैं.
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शेष मंदिरों में भी दीपक बना कर पहुंचाने का कार्य जारी है. पुरोहित ने बताया कि इस आयोजन को लेकर गांव-गांव सकारात्मक माहौल है. गांवों में गोमय दीपक लेकर जाने वाले कार्यकर्ताओं का ग्रामीण भव्य स्वागत कर रहे हैं. इस गोमय दीपावली के माध्यम से गायों के संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है. गायों के संरक्षण को लेकर समिति प्रयासरत है.