चित्तौड़गढ़. पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव में नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों के नामांकन की जांच मंगलवार को की गई. इस दौरान जिला परिषद में भाजपा और कांग्रेस की ओर से एक-एक वार्ड में आपत्ति दर्ज कराई गई थी. इस पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने अभ्यर्थियों को समय देने के साथ ही दस्तावेज मंगवाए. दस्तावेज की जांच के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की आपत्ति को खारिज कर दिया गया.
जिला प्रशासन के इस निर्णय के बाद दोनों ही राजनीतिक दलों ने राहत की सांस ली है. इसका कारण यह है कि इन दोनों ही वार्ड से भाजपा और कांग्रेस की ओर से एक-एक नामांकन दाखिल किया गया था. एक वार्ड में तो केवल दो ही आवेदन थे. ऐसे में दावे या आपत्ति को जिला निर्वाचन अधिकारी स्वीकार करते तो इस वार्ड का प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो जाता.
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जानकारी के अनुसार पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव में जिला परिषद और पंचायत समितियों में नामांकन का सोमवार को आखिरी दिन था. चित्तौड़गढ़ जिले में जिला परिषद के 25 वार्डो के लिए कुल 116 नामांकन हुए हैं. इसी प्रकार जिले की 11 पंचायत समितियों के 173 वार्डों में करीब 700 नामांकन आए थे. इन नामांकन पर जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से जिला परिषद के लिए संबंधित पंचायत समितियों में उपखंड निर्वाचन अधिकारी की ओर से दावे और आपत्तियां मांगी गई थी.
इनमें चित्तौड़गढ़ जिला परिषद में भाजपा और कांग्रेस की ओर से एक-एक वार्ड में आपत्ति दर्ज करवाई गई थी. जानकारी में सामने आया कि जिला परिषद के वार्ड संख्या 1 में कांग्रेस की ओर से बद्री जाट ने नामांकन दाखिल किया था. वहीं भाजपा प्रत्याशी हर्षवर्धन सिंह रूद ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया कि बद्रीलाल जाट की तीन संतान हैं और उसने अपने आवेदन में गलत जानकारी दी है. इस पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने अभ्यर्थी से संबंधित दस्तावेज मंगवाए.
साथ ही ब्लॉक सीएमएचओ और अन्य अधिकारियों को भी जांच के लिए भेजा गया. बाद में जिला निर्वाचन अधिकारी ने दस्तावेजों के आधार पर भाजपा के दावे को खारिज कर दिया. जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह कहा कि आपत्ति में जो दस्तावेज हैं. उसमें कहीं भी यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी के तीन संतान है. दस्तावेज में केवल बद्री नाम आ रहा है, जो कोई भी हो सकता है. इसी प्रकार कांग्रेस की ओर से वार्ड संख्या 3 में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ आपत्ति दी थी. इस वार्ड में भाजपा से कृष्णा धाकड़ ने तो कांग्रेस से अनिता धाकड़ ने नामांकन दाखिल किया है.
आपत्ति में कांग्रेस प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रत्याशी कृष्णा धाकड़ ने कुछ समय पूर्व अपना नाम बदला है, लेकिन नाम बदलने की प्रक्रिया को नहीं अपनाया है. इसका नियमानुसार गजट नोटिफिकेशन नहीं करवाया गया. इस पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने भाजपा प्रत्याशी से दस्तावेज मांगे. इन दस्तावेजों की जांच के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस के दावे को भी खारिज कर दिया. इसके बाद दोनों ही दोनों ने राहत की सांस ली है. जानकारी में सामने आया कि जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दोनों ही राजनीतिक दल की ओर से अलग-अलग अधिवक्ताओं ने पैरवी की थी.
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साथ ही भाजपा और कांग्रेस के एक भी व्यक्ति का नामांकन जिला परिषद के लिए खारिज नहीं होने की जानकारी मिली है. नामांकन पत्रों की जांच के दौरान कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत, कान सिंह भाटी, आजाद पालीवाल, अधिवक्ता रमेश दशोरा, सुरेन्द्र नाथ योगी, सावन श्रीमाली, प्रत्याशी बद्री जाट मौजूद रहे. वहीं भाजपा से जिला परिषद चुनाव के जिला संयोजक सुरेश झंवर, डेयरी चेयरमेन और प्रत्याशी बद्रीलाल जाट, भूमि विकास बैंक चेयरमेन कमलेश पुरोहित, भाजपा जिला उपाध्यक्ष रघु शर्मा, भाजयुमो जिलाध्यक्ष और प्रत्याशी हर्षवर्द्धन सिंह, अधिवक्ता प्रदीप काबरा मौजूद रहे.