चित्तौड़गढ़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) चित्तौड़गढ़ की टीम ने रिश्वत लेने के करीब तीन साल पुराने मामले में एक एएसआई (ASI) को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी उन दिनों जिले के राशमी थाने में तैनात था. तत्कालीन एएसआई लक्ष्मणसिंह को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. इसे विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण उदयपुर में पेश किया जहां से जेल भेजने के आदेश दिए हैं.
आरोपित एएसआई ने रिश्वत की मांग की थी लेकिन कार्रवाई की भनक लगने के बाद उसने रिश्वत नहीं ली थी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि 28 सितंबर 2018 को प्रार्थी आजाद खान ने अपने मित्र शोभालाल सुखवाल के साथ एसीबी चित्तौड़गढ़ कार्यालय में आकर शिकायत दी थी.
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इसमें बताया कि प्रार्थी के नाम राशमी थाना में एक मामला दर्ज हुआ, जिसकी जांच तत्कालीन एएसआई लक्ष्मणसिंह द्वारा की जा रही थी. इस पर लक्ष्मणसिंह ने आजाद खान को मामले से निकालने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी. उसके बाद 40 हजार की रिश्वत की मांग की गई. आजाद खान ने जब 30 हजार रुपए देने की बात कही तो एएसआई लक्ष्मणसिंह ने सहमति जताई. एसीबी ने शिकायत के बाद 29 सितंबर 2018 को इसका सत्यापन करवाया गया तो शिकायत सही पाई गई.
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1 अक्टूबर 2018 को परिवादी आजाद खान की रिपोर्ट पर ट्रैप की कार्रवाई की गई, लेकिन भनक लगने पर एएसआई लक्ष्मणसिंह रिश्वत लेने नहीं आया. इसके बाद 2 अक्टूबर को भी ट्रैप की कार्रवाई की गई. उसमें भी लक्ष्मण सिंह रिश्वत की राशि लेने नहीं आया. इस पर 11 अक्टूबर को आजाद खान ने एसीबी को बताया कि लक्ष्मण सिंह ने न तो रिश्वत की राशि ली और न ही फोन उठा रहा है.
इसके बाद आरोपी के खिलाफ रिश्वत की मांग का प्रकरण दर्ज कर लिया और जांच शुरू की गई. एसीबी से इसकी जानकारी मिली तो पुलिस अधीक्षक ने एएसआई को थाने से हटा कर पुलिस लाइन में लगा दिया. रिश्वत की मांग का सत्यापन, फोन पर की गई वार्ता और पत्रावली पर मौजूद सबूत के चलते तत्कालिन लक्ष्मण सिंह पर जुर्म प्रमाणित पाया गया जिसके चलते मंगलवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.