चित्तौड़गढ़. जिले में कोरोना वायरस को लेकर बरती जा रही सावधानी के चलते जिला प्रशासन लगातार मरीजों की स्क्रीनिंग और जांच का कार्य कर रहा है. इसके तहत विश्वविख्यात चित्तौड़ दुर्ग पर आने वाले पर्यटकों की स्क्रीनिंग के लिए चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी और प्रयोगशाला सहायक की ड्यूटी लगा कर बारीकी से जांच की जा रही है.
इस दौरान पर्यटकों से सर्दी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षणों के बारे में पूछताछ की जा रही है. साथ ही पर्यटकों के नाम, पते और मोबाईल नंबर का रजिस्टर में इंद्राज किया जा रहा है. वहीं, इन सबके बीच दुर्ग पर काम करने वाले फोटोग्राफर, गाइड और पुरातत्व विभाग के कार्मिकों में जागरूकता का अभाव देखा जा रहा है.
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वहीं, पर्यटकों के सीधे संपर्क में आने वाले ये कार्मिक बिना मास्क लगाए काम कर रहे हैं, जो इनके साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी घातक साबित हो सकता है. इसके तहत गुरुवार और शुक्रवार दोपहर तक 146 पर्यटकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसमें चित्तौड़ दुर्ग पर आने वाले अधिकांश पर्यटक फ्रांस, स्वीट्जरलैण्ड जैसे देशों के है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक स्क्रीनिंग किए गए पर्यटकों में फ्रांस के दो पर्यटकों में सर्दी-जुकाम की शिकायत सामने आई है. वहीं, अब तक दुर्ग पर आए 146 पर्यटकों में से महज दो पर्यटक इटली से आए हैं, जो भी लंबे समय से भारत के भ्रमण पर हैं. दुर्ग पर लगातार पर्यटकों की आवाजाही के चलते चिकित्सा विभाग की टीम जिसमें डॉ. एसएन छीपा, नर्सिंगकर्मी संतोष सुखवाल और प्रयोगशाला सहायक भैरूलाल यहां आने वाले पर्यटकों की पूरी जांच कर रिकॉर्ड संधारित करने का कार्य कर रहे हैं.
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जहां एक तरफ दुर्ग पर आने वाले पर्यटकों में संक्रमण की संभावना के चलते जिला प्रशासन जहां पूरी गंभीरता बरत रहा है, वहीं दूसरी ओर वहां काम करने वाले फोटोग्राफर गाइड और पुरातत्व विभाग के कर्मचारी, स्वास्थ्य आपात स्थिति में भी गंभीर नहीं है. लगातार प्रशासन की ओर से गाइडलाइन जारी कर सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद पर्यटकों के सीधे संपर्क में आने वाले लोग अपने और अन्य लोगों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है.