चित्तौड़गढ़. सावरकर दर्शन प्रतिष्ठान राजस्थान में पहली बार चितौड़गढ में दो दिवसीय अखिल भारतीय सावरकर साहित्य सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है. दोनों ही दिन देश के कई विचारक और चिंतकों का अलग-अलग सत्रों में मार्गदर्शन मिलेगा. आयोजन समिति के अध्यक्ष अनिल सिसोदिया ने गुरूवार को एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 1 व 2 अप्रैल को इंदिरा प्रियदर्शनी ऑडिटोरियम में साहित्य सम्मेलन का आयोजन होगा.
सावरकर दर्शन प्रतिष्ठान मुंबई स्थित राष्ट्रीय ट्रस्ट है. ट्रस्ट द्वारा गत कई वर्षों से पूरे देश में इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं. चित्तौड़गढ़ में होने वाले इस सम्मेलन में पूरे भारत वर्ष से लगभग 1500 विचारक एवं प्रबुद्ध जन सम्मिलित होंगे. यह सम्मेलन अपने आप में इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विचारक एवं राजनीतिज्ञ एक मंच पर अपने विचार व्यक्त करेंगे. दो दिवसीय साहित्य सम्मेलन 6 सत्रों में होगा. दोनों दिन 3-3 सत्र आयोजित होंगे. 1 अप्रैल को प्रातः 9.30 बजे सम्मेलन का शुभारंभ होगा.
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उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय चिंतक एवं लेखक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ प्रातः 10 बजे इंदिरा प्रियदर्शनी ऑडिटोरियम में साहित्य सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इसके पश्चात 12.30 से 1.30 बजे तक प्रथम सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जेष्ठ अधिकारी जे नंद कुमार सावरकर साहित्य सम्मेलन के उद्देश्य के बारे में अपने विचार व्यक्त करेंगे. दोपहर 2.30 से 4 बजे तक द्वितीय सत्र की अध्यक्षता सावरकर के पौत्र रणजीत सावरकर करेंगे एवं प्रसिद्ध लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक डॉ शांतनु गुप्ता सावरकर की दूरदर्शिता के बारे में अपने विचार रखेंगे.
तृतीय सत्र में 4.30 से 6 बजे तक पद्मश्री भिकु दादा ईदातें अध्यक्षता करेंगे एवं दामोदर अग्रवाल सावरकर द्वारा प्रेरित सामाजिक क्रांति के बारे में विचार व्यक्त करेंगे. सांय 6ः30 बजे सावरकर के जीवन पर एक फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा. 2 अप्रैल को प्रातः 10 बजे प्रथम सत्र की अध्यक्षता डॉ अशोक मोड़क करेंगे एवं सावरकर की विदेश नीति के बारे में विदेश नीति के अभ्यासक डॉ संजीव तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार एवं राष्ट्रीय सुरक्षा अभ्यासक नितिन गोखले विचार व्यक्त करेंगे. 12.30 बजे द्वितीय सत्र की अध्यक्षता पूर्व कैबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार एवं अजमेर विधायक वासुदेव देवनानी करेंगे एवं सावरकर के इतिहास विषयक दृष्टिकोण के बारे में डॉ अशोक मोडक विचार व्यक्त करेंगे.
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तृतीय सत्र को विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री धर्मनारायण संबोधित करेंगे. समापन सत्र में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावडे मुख्य अतिथि रहेंगे. इस दौरान सरंक्षक राजेश भट्ट, गोपाल चरण सिसोदिया, प्रदेश संयोजक विजया पारीक, आयोजन समिति उपाध्यक्ष रमेश बोरीवाल, हरीश ईनानी, संभाग संयोजक लोकेश त्रिपाठी, संभाग महिला संयोजक रश्मि सक्सेना, श्रवण सिंह राव, रघु शर्मा, हर्षवर्धन सिंह रूद, परमजीत सिंह आदि उपस्थित थे.