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चित्तौड़गढ़: श्रम विभाग कार्यालय के आगे गले में तख्ती डाल धरने पर बैठा मजदूर

चित्तौड़गढ़ में एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करने वाला मजदूर गले में तख्ती डाल कर श्रम विभाग के कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया. मजदूर श्रम विभाग में अवैध सेवा समाप्ति का प्रार्थना पत्र बनवाने गया था. मजदूर की मांग पूरी नहीं होने पर वह कार्यालय के सामने ही धरने पर बैठ गया. जिसके बाद पुलिस ने समझाइश कर धरना समाप्त करवाया.

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Published : Jun 25, 2020, 11:06 PM IST

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श्रम विभाग कार्यालय के आगे गले में तख्ती डाल धरने पर बैठा युवक

चितौड़गढ़. चित्तौड़गढ़ में सीमेंट फैक्ट्री में काम करने वाला एक मजदूर श्रम विभाग कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया. मजदूर ने अपनी गले में तख्ती डाल रखी थी. जिस पर मजदूर ने अपनी मांगे लिख रखी थी. मजदूर के साथ यूनियन पदाधिकारी भी धरने पर बैठ गया. जिसके बाद कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और समझाइश कर धरना खत्म करवाया.

जानकारी के अनुसार दीपक दशोरा नाम का युवक एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करता था. जहां से उसे निकाल दिया गया. अप्रैल 2019 को दीपक दशोरा ने श्रम विभाग में अवैध सेवा समाप्ति का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था. जब साथ श्रम विभाग कार्यालय के अधिकारियों ने कंपनी से बात की तो उन्होंने बताया कि दीपक 180 दिनों से अनुपस्थित चल रहा है.

पढ़ें: कांग्रेस विधायक की सीएम गहलोत को नसीहत, कहा- बयानों से नहीं रुकेगा भ्रष्टाचार, करना होगा ये काम

यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि कई श्रमिकों की प्रबन्धन के इशारे पर फाइल ही बन्द कर दी जाती है. मजदूर ने श्रम विभाग से प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर जिला कलेक्टर को पत्र लिख कर चेतावनी भी दी थी कि वह श्रम विभाग कार्यालय पर धरना देगा. इसी क्रम में श्रमिक दीपक दशोरा व यूनियन के महामंत्री कालूराम सुथार ने श्रम विभाग कार्यालय पर धरना शुरू किया.

धरने की सूचना मिलने पर कोतवाली थाने से एएसआई गोवर्धनलाल मौके पर पहुंचे. उन्होंने श्रमिक से बात की और उसे समझाया जिसके बाद मजदूर ने धरना समाप्त कर दिया. उपश्रम आयुक्त ने बताया कि मामले की सुनवाई के लिए 2 जुलाई का समय दिया गया है. उपश्रम आयुक्त ने कहा कि हाथों हाथ किसी को भी प्रमाण पत्र बनाकर नहीं दिया जा सकता है.

चितौड़गढ़. चित्तौड़गढ़ में सीमेंट फैक्ट्री में काम करने वाला एक मजदूर श्रम विभाग कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया. मजदूर ने अपनी गले में तख्ती डाल रखी थी. जिस पर मजदूर ने अपनी मांगे लिख रखी थी. मजदूर के साथ यूनियन पदाधिकारी भी धरने पर बैठ गया. जिसके बाद कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और समझाइश कर धरना खत्म करवाया.

जानकारी के अनुसार दीपक दशोरा नाम का युवक एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करता था. जहां से उसे निकाल दिया गया. अप्रैल 2019 को दीपक दशोरा ने श्रम विभाग में अवैध सेवा समाप्ति का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था. जब साथ श्रम विभाग कार्यालय के अधिकारियों ने कंपनी से बात की तो उन्होंने बताया कि दीपक 180 दिनों से अनुपस्थित चल रहा है.

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यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि कई श्रमिकों की प्रबन्धन के इशारे पर फाइल ही बन्द कर दी जाती है. मजदूर ने श्रम विभाग से प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर जिला कलेक्टर को पत्र लिख कर चेतावनी भी दी थी कि वह श्रम विभाग कार्यालय पर धरना देगा. इसी क्रम में श्रमिक दीपक दशोरा व यूनियन के महामंत्री कालूराम सुथार ने श्रम विभाग कार्यालय पर धरना शुरू किया.

धरने की सूचना मिलने पर कोतवाली थाने से एएसआई गोवर्धनलाल मौके पर पहुंचे. उन्होंने श्रमिक से बात की और उसे समझाया जिसके बाद मजदूर ने धरना समाप्त कर दिया. उपश्रम आयुक्त ने बताया कि मामले की सुनवाई के लिए 2 जुलाई का समय दिया गया है. उपश्रम आयुक्त ने कहा कि हाथों हाथ किसी को भी प्रमाण पत्र बनाकर नहीं दिया जा सकता है.

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